रुड़की। अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने तथा छात्रों एवं संकाय सदस्यों को अपने विषय के ज्ञान को बढ़ाने के लिए अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की ने राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान हरियाणा, कुरुक्षेत्र के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी, निदेशक-आईआईटी रुड़की, और प्रो. वनिता आहूजा, निदेशक-एनआईडीएच, कुरुक्षेत्र ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। एमओयू तीन वर्षों की अवधि के लिए प्रभावी रहेगा और इसे आपसी सहमति से आगे बढ़ाया जा सकेगा।
इस समझौता ज्ञापन के तहत दोनों संस्थान एक-दूसरे के साथ अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों, शिक्षण सामग्री और अपने अनुभवों को साझा करेंगे। ये संस्थान संबंधित पाठ्यक्रमों के विकास में एक-दूसरे की मदद करने के साथ ही संबंधित विषयों में शिक्षण जिम्मेदारियों को भी साझा करेंगे। संस्थान राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग एजेंसियों द्वारा प्रायोजित अनुसंधान, परामर्श कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे। संस्थानों ने उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिभागियों के लिए संयुक्त कार्यशालाओं, अल्पकालिक पाठ्यक्रमों, एफडीपी, एमडीपी कार्यक्रमों को आयोजित करने पर भी सहमति व्यक्त की है।
अगले शैक्षणिक वर्ष से दो नए मास्टर्स प्रोग्राम मास्टर ऑफ डिजाइन और मास्टर ऑफ इनोवेशन मैनेजमेंट शुरू करने के आईआईटी रुड़की के हाल के पहल के कारण इस एमओयू का महत्व और बढ़ जाता है। उल्लेखनीय है कि आईआईटी रुड़की में हाल ही में विकसित डिजाइन इनोवेशन सेंटर (डीआईसी) ने इस समझौता ज्ञापन के हस्ताक्षर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एमओयू पर प्रो. मनोरंजन परिदा, उप-निदेशक, तथा आईआईटी रुड़की के कई प्रमुख पदाधिकारियों, संस्थान के कई विभागों के प्रमुख, डिजाइन इनोवेशन सेंटर के समन्वयक प्रो. अपूर्व कुमार शर्मा और कुछ अन्य संकाय सदस्यों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी, निदेशक, आईआईटी-रुड़की, ने कहाकि हमें एनआईडी हरियाणा, कुरुक्षेत्र के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर करने की खुशी है। हमारे डिजाइन इनोवेशन सेंटर की स्थापना और भविष्य में इसके एक उन्नत पदचिह्न के रोडमैप के साथ यह समझौता ज्ञापन दोनों संस्थानों के बीच सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
प्रो. वनिता आहूजा, निदेशक-एनआईडीएच, कुरुक्षेत्र ने कहाकि देश के प्रमुख संस्थानों में से एक आईआईटी रुड़की के साथ जुड़ना सही दिशा में लिया गया एक कदम है। वर्तमान समय में इंजीनियरिंग और डिजाइन शिक्षा के लिए एक ऐसे ही इंटरफेस की आवश्यकता है।