हरिद्वार। किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने हरकी पैड़ी पहुंचकर मां गंगा की पूजा अर्चना की। इस दौरान किन्नर अखाड़े ने अन्य 13 अखाड़ों को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं की तर्ज पर ही किन्नर अखाड़े के लिए अलग से सुविधाएं दिए जाने की मांग की।
किन्नर अखाड़े के अनुसार प्राचीन काल से किन्नर समाज हिंदू धर्म का अभिन्न अंग रहा है। लेकिन आक्रांताओं ने किन्नर समाज का जमकर शोषण किया गया। जिसकी वजह से किन्नर समाज दूसरे धर्म की ओर विमुख हो चला। ऐसे में किन्नर समाज को एकत्र कर इसके विकास के लिए हिंदू धर्म को आगे आना चाहिए।
किन्नर अखाड़ा ने हरकी पैड़ी, दक्ष मंदिर और माया देवी मंदिर में पूजा अर्चना की। इस मौके पर किन्नर अखाड़े ने अखाड़ा परिषद को भी चेतावनी दी कि अगर अखाड़ा परिषद ने अन्य 13 अखाड़ों की तर्ज पर उसे अलग से सुविधाएं नहीं दिलाई तो किन्नर अखाड़ा स्वयं में पेशवाई निकाल कर अपने धर्म ध्वजा स्थापित करने में सक्षम है।
किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने राज्य सरकार और मेला प्रशासन से किन्नर अखाड़ा को तमाम जरूरी सुविधाएं देने की मांग की। इस मौके पर हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों ने भी किन्नर अखाड़ा का स्वागत किया।
आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अखाड़ा परिषद के प्रति नाराजगी व्यक्त की और कहा कि अखाड़ा परिषद 13 अखाड़ों की बात तो कर रहा है, लेकिन किन्नर अखाड़े को नजरअंदाज कर रहा है। जूना अखाड़े ने उन्हें गले लगाया और जूना अखाड़े के साथ मे ही वो हरिद्वार महाकुंभ मेले में आएंगे।