हरिद्वार। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे किशोर उपाध्याय ने अपने संगठन का नाम बदलकर उत्तराखंड वनाधिकार कांग्रेस कर दिया है। वे इसके बैनर तले 8 सितंबर को हरिद्वार से भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन की शुरुआत करेंगे। उनके इस फैसले से प्रदेश में कांग्रेस की कलह व गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने अपने संगठन वनाधिकार आंदोलन का नाम बदलकर “उत्तराखंड वनाधिकार काँग्रेस” रख दिया है। देहरादून में उत्तराखंड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे किशोर उपाध्याय ने इसकी घोषणा की। इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस में अभी भी आपसी कलह और गुटबाजी थमी नहीं है। जब से कांग्रेस ने प्रीतम सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है तब से कांग्रेस में गुटबाजी देखने को मिल रही है। अभी एक ऑनलाइन मीटिंग में किशोर उपाध्याय को निमंत्रण नहीं मिलने पर उन्होंने सीधे तौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए उपेक्षा का आरोप लगाया था। किशोर उपाध्याय की हालिया घोषणा ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है। किशोर उपाध्याय अब उत्तराखंड वनाधिकार कांग्रेस के सहारे प्रदेश में खुद को मजबूत करने का काम भी करेंगे। इसके लिए हरिद्वार से पहले धरने प्रदर्शन की शुरुआत होगी। 8 सितंबर को किशोर उपाध्याय और उनकी टीम प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी और बिजली विभाग और पेयजल निगम के कार्यालयों पर बिलांे की प्रतियां भी जलाएंगे। आपको बता दंे कि इस आंदोलन के जरिए किशोर उपाध्याय उत्तराखंड के लोगो के लिए निःशुल्क बिजली पानी, केंद्र सरकार की नौकरियों में उत्तराखंड को अलग से आरक्षण, निशुल्क गैस सिलेंडर आदि हक हकूकों की मांग सरकार से कर रहे है। लेकिन चुनाव से ठीक पहले इस आंदोलन का नाम काँग्रेस के नाम पर रखकर उन्होंने अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का काम भी किया है।