हरिद्वार। हरकी पौड़ी के सौंदर्यीकरण के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के सीएसआर फंड से दिए गए 35 करोड़ रुपये को हरकी पौड़ी से अलग रोड़ी बेलवाला मैदान में कृत्रिम घास लगाने व शौचालय निर्माण के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की नाराजगी के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया है। जिसके आद शनिवार को जिलाधिकारी सी रविशंकर ने हरकी पौड़ी और रोड़ी बेलवाला मैदान में किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद जिला अधिकारी ने कहा कि डीपीआर के अनुसार ही कार्य किए जाने हैं, लेकिन समय को देखते हुए कुछ संशोधन किए जा सकते हैं, लेकिन संशोधन करने से पहले सक्षम विभाग से अनुमति ली जानी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह कोई अनियमितता नहीं है लेकिन हम क्षतिपूर्ति को लेकर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मैदान का उपयोग मेले के दौरान क्राउड मैनेजमेंट के लिए किया जाता है। ऐसे में किया गया इन्वेस्ट बेकार ना हो इसको लेकर बैठक कर फैसला लिया जाएगा। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है। बता दें कि हरकी पैडी के सौदर्यीकरण के लिए केन्द्रीय मंत्री डा. निशंक द्वारा 35 करोड़ रुपये दिलवाए गए थे। जिसमें से केवल 10 करोड़ रुपये में ही हरकी पैडी का सौदर्यीकरण आधा-अधूरा करवा दिया गया। शेष राशि को मेले क्षेत्र के सौदर्यीकरण के लिए उपयोग किया गया।
बता दें कि हरकी पैडी का सौदर्यीकरण करवाने वाली कम्पनी ने नमामि गंगे के साथ मिलकर डीपीआर तैयार की थी। डीपीआर तैयार होने के बाद शेष राशि कैसे हस्तातंरित हो गयी, यह बड़ा सवाल है। सूत्र बताते हैं कि अधिकारी हरकी पैडी से अन्यत्र कराए जा रहे कार्य की डीपीआर दिखाने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में जब हरकी पैडी के सौदर्यीकरण की डीपीआर 35 करेाड की तैयार की गयी तो कार्य 10 करोड़ में कैसे पूरा हो गया और मेला आरक्षित भूमि में बिना डीपीआर के कृतिम घास और शौचालय का स्थायी निर्माण कैसे करा दिया गया। फिलहाल केन्द्रीय मंत्री डा. निशंक के मामले में रूचि लेने के बाद अधिकारी हरकत में आए हैं और फिलहाल रोडीबेलवाला क्षेत्र में कृतिम घास बिछाने के कार्य को रूकवा दिया गया है।