हरिद्वार। धर्मनगरी के भेल क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके नरभक्षी गुलदार की वजह से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। गुलदार के साथ हाथियों की आबादी क्षेत्र में चहलकदमी ने भी लोगों की मुसीबतों को बढ़ा दिया है। गुलदार के रिहायशी इलाकों में आ जाने के कारण वन प्रभाग इसे पकड़ने में नाकाम साबित हो रहा है। गुलदार रिहायशी इलाके में लगातार आ रहा है, यहां छोटे-छोटे बच्चे भी गुजरते हैं। भेल क्षेत्र में कई स्कूल होने के कारण किसी भी अनहोनी की हर वक्त संभावना बनी रहती है। जिस कारण स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक ज्यादा परेशान हैं। साथ ही यहां कई कंपनियां भी हैं, जहां पर हजारों लोग काम करते हैं। लेकिन, प्रशासन व वन विभाग का ध्यान इस तरफ नहीं है। जबकि गुलदार कभी भी बड़े हादसे को अंजाम दे सकता है। चार दिन पूर्व एक व्यक्ति गुलदार का निवाला बन चुका है। डीएफओ वन प्रभाग आकाश वर्मा ने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व की काफी सीमा बीएचएल हरिद्वार से लगी हुई है। इस क्षेत्र में जंगली जानवरों को रोकने के लिए एक दीवार भी बनाई गई है। कई जगह से क्षतिग्रस्त होने के कारण वन जीव रात्रि के समय में रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं। आबादी क्षेत्र में लगातार आ रहे गुलदार को पकड़ने के लिए कई जगह कैमरे भी लगाए गए हैं। गुलदार को पकड़ने के लिए वन प्रभाग द्वारा चार टीमें बनाई गई हैं, जो इसके आने जाने पर निगरानी रख रही हैं। शाम होने पर हमारे द्वारा चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है।