हरिद्वार। श्री रामकृष्ण परमहंस के कनखल स्थित रामकृष्ण मिशन मठ एवं सेवाश्रम में मां शारदा 168 वीं जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर सुबह तड़के मंगल आरती वैदिक मंत्रोचार और भजन कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके अलावा विशेष पूजा चंडी पाठ भक्ति गीत पुष्पांजलि आरती हवन पुष्पांजलि और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मठ को फूलों की लड़कियों से भव्य तरीके सजाया गया स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा को फूलों की माला से विशेष रूप से सजाया गया जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती थी।
इस अवसर पर रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम मठ के सचिव स्वामी नित्यशुद्धानंद महाराज ने कहा कि मां शारदा ने ठाकुर रामकृष्ण परमहंस की सहधर्मी बनकर समाज को नई दिशा दी और साधकों को साधना करने में नया मार्ग दिखाया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद को शिकागो की धर्म सभा में भाग लेने के लिए मां शारदा ने ही प्रेरित किया। इस अवसर पर स्वामी उमेश्वरानंद मंजू महाराज ने कहा कि मां शारदा ममता की साक्षात मूर्ति थी और भक्तों को उन्होंने हमेशा साधना के लिए प्रेरित किया।
स्वामी विवेकानंद पर शोध करने वाली डॉ. राधिका नागरथ कहा कि मां शारदा स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा स्रोत थी। जिन्होंने उन्हें अपनी अलौकिक शक्ति के द्वारा एक दिव्य अलौकिक संत बनने की दिशा में प्रेरित किया। इस अवसर पर स्वामी जगदीशानंद महाराज, मिशन के विभिन्न चिकित्सक और अन्य स्टाफ के कर्मचारी और अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया। भजन गायक सुनील मुखर्जी ने अपने भजनों से सभी भक्तों का मन मोह लिया।