हरिद्वार। भाई के अपहरण के आरोप में कोतवाली लक्सर का घेराव करने के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। आरोपी ने पुरानी रंजिश का बदला लेने व झूठे मुकदमें में फंसाने के लिए खुद ही अपने भाई के अपहरण का षडयंत्र रचा था। मामले में पुलिस ने आरोपी सहित कई लोगों को हिरासत में लिया है।
मामले का खुलासा करते हुए एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि बीते रोज कुलदीप निवासी प्रतापपुर लक्सर ने कोतवाली में तहरीर देकर अपने ही गांव के दिनेश, अरविन्द, चांदवीर, गुड्डू, भोला व मंगलू पर उसके भाई मोहित उर्फ टीनू के साथ मारपीट कर उसका अपरहण करने का आरोप लगाया था।
प्रकरण दो अलग-अलग जातियों से जुड़े परिवारों के बीच चल रहे पुराने विवाद से जुड़ा होने के कारण एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल द्वारा तत्काल सीओ लक्सर निहारिका सेमवाल के नेतृत्व में टीमें गठित कर मामले का जल्द से जल्द खुलासा करने के निर्देश दिए।
पुलिस टीम ने घटनास्थल जाकर घटना के सम्बन्ध में पूछताछ करने तथा आसपास लगे सीसीटीवी कैमरो की फुटेजो को खंगालते हुये अपह्रत व घटना से सम्बन्धित अन्य लोगों की मोबाइल लोकेशन की जांच पड़ताल शुरु की। जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
पुलिस कोे जानकारी मिली कि अपह्रत अपने भांजे दर्शन के साथ था। मोबाइल बन्द होने से पूर्व भी मामा-भांजे की लोकेशन एक स्थान पर पायी गयी। लगातार प्रयासों के बाद अपह्रत मोहित को उसके भांजे दर्शन के घर ग्राम जियापोता कनखल, हरिद्वार से सकुशल बरामद कर लिया।
पूछताछ में मोहित ने बताया कि 24 मई की रात्रि को उसका चांदवीर व गुड्डू के साथ जेसीबी मशीन के शीशे टुटने को लेकर विवाद हो गया था। जिसके चलते विवाद में विपक्षी पर दबाव बनाने के लिये व अपहरण का झूठा मुकदमा दर्ज कराने के लिए कुलदीप व दर्शन के साथ मिलकर अपने अपहरण की योजना की साजिश बनायी थी। जिसके बाद मोहित अपने भांजे दर्शन के साथ उसकी गाड़ी से जियापोता जाकर छिप गया। परिजनों व गांव के साथ मिलकर अपने भाई मोहित के अपहरण करने की अफवाह फैलाकर मुकदमा दर्ज कर विपक्षियों की गिरफ्तारी का दबाव बनाने का प्रयास किया था।
पूछताछ व जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर अपहरण व फायरिंग की सूचना झूठी पाए जाने पर पुलिस ने कुलदीप व घटना की साजिश में सम्मिलित मोहित व दर्शन के विरुद्व पुलिस एक्ट के अन्तर्गत चालान कर दिया है।