हरिद्वार। विगत दिनों उत्तराखण्ड मंत्रीमण्डल की बैठक में श्री माया देवी मन्दिर तथा श्री आनंद भैरव मन्दिर के शिखरों की उचाई बढ़ाए जाने का पारित प्रस्ताव का शासनादेश मेलाधिकारी दीपक रावत ने श्रीमहंत हरिगिरि महाराज को सौंपा तथा उनके व अखाड़े के अन्य साधुओं के साथ मायादेवी मायादेवी मन्दिर व भैरों मन्दिर के शिखरों का भी मुआयना किया। श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने मेलाधिकारी को मायादेवी मन्दिर के पौराणिक महत्व को बताते हुए कहा कि मायादेवी मन्दिर 51शक्ति पीठों में से एक सिद्व शक्तिपीठ है। जहां कनखल में दक्ष राजा के यज्ञ विध्वंस के पश्चात वहां से सती का शव लेकर यहां बैठे थे। चूकि यहां पर वह सती के सर्वांग शरीर के साथ विराजमान हुए थे, इसलिए यह सर्वांग शक्तिपीठ मानी जाती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इन सिद्वशक्ति पीठों की उर्चा 51 फीट है, जिसें 271 फुट तथा 191 फुट किए जाने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत तथा शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को दिया गया था। जिस पर प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में पारित कर शासनादेश जारी कर दिया है, जो आज अखाड़े को प्राप्त हुआ है। अब शीघ्र ही मन्दिर निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जाएगी। मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि मायादेवी मन्दिर तथा भैरव मन्दिर की ऊंचाई बढ़ाने का शासनादेश श्रीमहंत हरिगिरि महाराज को सांैप दिया गया है। इस शासनादेश में दी गयी औपचारिकताओं को पूरा कर शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारम्भ करा दिया जाएगा।