हरिद्वार। नवोदित कवियत्री तथा साहित्यकार डॉ. मेनका त्रिपाठी द्वारा रचित काव्य संग्रह सुबह सी खिलूंगी का लोकार्पण आज मां गंगा परिवार न्यास के तत्वावधान में गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर के मिश्री देवी सभागार में प्रख्यात साहित्यकार तथा देवों के देव महादेव के लेखक निलय उपाध्याय एवं गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुचित्रा मलिक ने संयुक्त रूप से किया।
लोकार्पण कार्यक्रम को मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए साहित्यकार निलय उपाध्याय ने कहाकि साहित्य समाज का दर्पण एवं लेखक की अंतरात्मा की आवाज होती है और डॉ. मेनका त्रिपाठी ने सुबह सी खिलूंगी में अपनी कविताओं के माध्यम से संपूर्ण समाज को आशावादी एवं उदीयमान बनाने का जो संदेश दिया है निश्चित ही उनका प्रयास सार्थक सिद्ध होगा। कविता को आत्मा का प्रकाश बताते हुए उन्होंने हरिद्वार को हिमालय के चरित्र का चित्र तथा सुंदरता एवं साहित्य सृजन के लिए अतुलनीय बताया। कार्यक्रम को अध्यक्षीय पद से संबोधित करते हुए प्रो. सुचित्रा मलिक ने डॉ. मेनका त्रिपाठी की रचनाओं को सार्वभौमिक बताते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में एक पुस्तक अवश्य दिखनी चाहिए। सुबह सी खिलूंगी की तुलना उठो लाल अब आंखें खोलो से करते हुए कहा कि सुबह की धूप भी प्रत्येक मौसम में अच्छी लगती है। कार्यक्रम को गुरुकुल महाविद्यालय के मुख्य अधिष्ठाता बलवंत सिंह चैहान, बृजेंद्र हर्ष, राधिका नागरथ तथा सुशील उपाध्याय ने भी संबोधित किया।
इससे पूर्व सभी अतिथियों ने मंगल दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सुबह सी खिलूंगी की रचयिता डॉ. मेनका त्रिपाठी ने अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि यह उनका चार दशक का सपना है जिसे उन्होंने अपने परिवार के सहयोग से साकार किया। कार्यक्रम का संचालन प्रफुल्ल ध्यानी ने तथा अध्यक्षता प्रो. सुचित्रा मलिक ने की। इस अवसर पर राजीव शर्मा, पंडित हेमंत तिवारी, प्रशांत शास्त्री, विकास तिवारी तथा नरेंद्र प्रधान सहित शिक्षा एवं साहित्य से जुड़े तीन दर्जन से अधिक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।