हरिद्वार। नगर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में अलविदा जुमा की नमाज पूरी अकीदत के साथ अदा की। अलविदा जुमे की नमाज के बाद मुल्क में अमन-शांति, तरक्की, आपसी सद्भाव, सुख-समृद्धि व भाईचारे की दुआ मांगी गई। अलविदा जुमा की नमाज पर मस्जिदों के निकट पुलिस सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। नगर निगम द्वारा नगर की सभी मस्जिदों के आसपास बेहतर सफाई व्यवस्था तथा चूने का छिड़काव किया गया। नगर की प्रमुख जामा मस्जिद में जुमा की नमाज मुफ्ती ने अदा कराई। नमाज जुमा से पहले मौलाना ने खुतबा करते हुए कहा कि केवल भूख और प्यास को रोकना ही रोजा नहीं है, बल्कि बुराइयों को त्यागना, नेक बनकर अल्लाह की इबादत करना ही असल रोजा है। उन्होंने कहा कि कुरान पढ़ना और सुनना ही काफी नहीं है, बल्कि उस पर अमल कर बेहतर जिंदगी गुजारना अहम है।
मौलाना ने कहा कि रमजान का तीसरा और आखिरी अशरह चल रहा है, जिसमें अल्लाह ताला मोमिन की हर दुआ को कबूल करता है। यह अशरह जहन्नम से निजात का जरिया भी है। कहा कि मुसलमान पूरे अनुशासित ढंग से रमजान के रोजे रखकर और फिजूलखर्ची से बचकर अपनी कमाई का हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में खर्च करता है। उन्होंने कहा कि ईद की नमाज से पहले गरीब पड़ोसी व रिश्तेदार को ईद की खुशी में शामिल करने के लिए हमें फितरे-जकात से उसकी मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहाकि ईद एक साथ कोई खुशियों की सौगात लेकर आती है। इस दौरान बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अलविदा जुमे की नमाज अता की।