छह राशि वालों के लिए श्रेष्ठ रहेगा नववर्ष
हरिद्वार। बुधवार 25 मार्च से हिंदू नववर्ष यानि नव संवत्सर की शुरुआत होने जा रही है। नए वर्ष के पहले दिन से ही नवरात्रि भी प्रारंभ हो जाती है। नए हिंदू वर्ष विक्रम संवत्सर 2077 आरम्भ होगा। कहा जाता है कि नवसंवत्सर के दिन ही पितामह ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण प्रारंभ किया था। युगों में प्रथम सत्ययुग का प्रारम्भ भी इसी तिथि को हुआ था।
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री ने बताया कि इस बार संवत्सर का नाम प्रमादि संवत्सर होगा। इसके राजा बुध तथा मंत्री सोम चन्द्रमा होंगे। गृह के स्थान पर देवगुरु वृहस्पति विराजमान होंगे। इस कारण कई मायनों में सह संवत्सर अच्छा फलदायी होगा। बताया कि वर्ष के आरम्भ में विपदाए अवश्य आएंगी, किन्तु यह अधिक समय तक नहीं रहेगी। नवसंवत्सर में राजा बुध और मंत्री चन्द्रमा होने के कारण अन्न की उपज अधिक होगी। वर्षा भी अधिक होगी। कला क्षेत्र में भी वृद्धि होगी। इसके साथ ही विश्व में भारत की साख में वृद्धि होगी। बताया कि जिस प्रकार से देश की जीडीपी का अनुमान लगाया जा रहा है, संवत्सर के फलादेश को देखते हुए उससे कहीं अधिक विकास दर रहेगी।
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक नवसंत्सर पूरी तरह से हिन्दू कैलेण्डर पर आधरित होता है। नवसंवत्सर के साथ पंचाग बदल जाता है। पंचाग के अनुसार नवसंवत्सर कैसा रहेगा और जनमानस तथा देश पर उसका क्या प्रभाव पड़ेगा इसका लेखाजोखा भी होता है।
श्री शास्त्री के मुताबिक इस वर्ष नवसंवत्सर छह राशियों पर विशेष मेहरबार रहेगा। जिसमें मेष राशि वाले जातकों की आर्थिक मजबूत होगी। वृषभ राशि वाले जातकों को निवेश से लाभ प्राप्त होगा। सिंह राशि वालों के लिए विदेश यात्रा के साथ धन लाभ का भी योग है। कन्या राशि वालों के लिए जमीनी कारोबार में फायदा होगा तथा अपनों का भरपूर सहयोग मिलेगा। धनु राशि वाले जातकों को अपना घर प्राप्ति के आसार हैं। मीन वालों की मान-प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि इसी के साथ
कर्क, वृश्चिक और मकर राशि वालों के लिए यह वर्ष संभलकर चलने वाला है। इन राशि वालों को हानि, रोग और चिंता बनी रहेगी। जबकि मिथुन, तुला व कुंभ राशि वालों के लिए नव वर्ष मिलाजुले प्रभाव वाला साबित होगा।