हरिद्वार। हिन्दू नववर्ष का आरंभ चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है। हिंदू नववर्ष चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि 22 मार्च को पड़ रही है। विक्रम संवत 2080 का आरंभ इसी दिन से होगा। इस संवत्सर का नाम पिंगल होगा और इसके राजा बुध और मंत्री शुक्र होंगे। मान्यता है कि ब्रह्माजी ने सृष्टि का आरम्भ चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से ही किया था। इसलिए हर साल नव संवत का प्रारम्भ भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होता है।
ज्यातिषाचार्य पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक इस बार ग्रहों का विशेष योग बन रहा है। शनि का मंगल और केतु दोनों के साथ नवपंचम राजयोग बना हुआ है। मंगल केतु भी एक दूसरे से पंचम और नवम भाव में विराजमान होकर शुभ हैं।
मीन राशि में सूर्य बुध की युति से बुध आदित्य योग वहीं चन्द्रमा गुरु की युति से गजकेसरी योग बना हुआ है। राहु भी पराक्रम भाव में विराजमान होकर योगों की शुभता में वृद्धि कर रहे हैं। वही आध्यात्म के कारक केतु नवम भाव में विराजमान है। नव वर्ष की शुरुआत बुधवार से हो रही है और बुध बलवान है। ऐसे में यह वर्ष 3 राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ रहने वाला है।
वृष राशिः- इस राशि के जातकों के लिए इस समय ग्रहों का योग बेहद शुभ है। इन जातकों के एकादश भाव में बलवान गजकेसरी योग बनने से इस साल आपको आर्थिक रूप से समृद्धि मिलने वाली है। इस समय आपको अपने कार्यों में पूर्ण सफलता मिलेगी।शनि की कृपा से कार्य स्थल पर आपका परचम लहराता रहेगा।
तुला राशिः- इस राशि के जातकों के लिए नववर्ष की शुरुआत शानदार होने जा रही है। इस समय शनि पंचम में और मंगल नवम में विराजमान होकर आपके भाग्य की वृद्धि कर रहे हैं। छठे भाव में बलवान राजयोग बन रहे हैं, जिसके कारण आपके शत्रु नष्ट होंगे। इस समय आपको अपने भाग्य का पूरा साथ मिलने वाला है। अगर उच्च शिक्षा में बाधा आ रही थी तो अब वो दूर होने जा रही है।
मीन राशिः- इस राशि के जातकों के लिए बुध आदित्य योग, गजकेसरी योग लग्न में ही बने हुए है। इसके प्रभाव से आपके आत्मसम्मान में वृद्धि होगी। इस समय आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होंगे। इस दौरान अगर आप नए काम की शुरुआत करने की सोच रहे हैं तो समय शुभ है। आपके वैवाहिक जीवन के लिए भी ये राजयोग बेहद शुभ रहने वाले है। शिक्षक, लेखक और अध्ययन से जुड़े लोगों को प्रसिद्धि प्राप्त होगी। यह वर्ष आपके आध्यात्मिक जीवन के लिए भी बेहद शुभ रहने वाला है। जो गुप्त विद्याओं में रूचि ले रहे हैं उन्हें इस साल शुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक नव संवत्सर सनातन धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। चैत्र माह और हिन्दू नव वर्ष का पहला पर्व मां दुर्गा के स्वागत से आरंभ होता है। चैत्र प्रतिपदा से ही चैत्र नवरात्रि का आरम्भ होता है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैसे तो हर साल 12 महीने का होता है, लेकिन इस बार अधिक मास होने से इस नव वर्ष में 13 महीने होंगे।
नव संवत्सर 2080 के महीने व तिथि
चैत्र माह 22 मार्च 2023 से 6 अप्रैल 2023 तक
वैशाख माह 7 अप्रैल 2023 से 5 मई 2023
ज्येष्ठ माह 6 मई 2023 से 4 जून 2023
आषाढ़ माह 5 जून 2023 से 3 जुलाई 2023
श्रावण माह 4 जुलाई 2023 से 31 अगस्त 2023
(अधिक माह होने से यह महीना इस बार 58 दिन का होगा)
भाद्रपद माह 1 सितंबर 2023 से 29 सितंबर 2023
आश्विन माह 30 सितंबर 2023 से 28 अक्टूबर 2023
कार्तिक माह 29 अक्टूबर 2023 से 27 नवंबर 2023
मार्गशीर्ष माह 28 नवंबर 2023 से 26 दिसंबर 2023
पौष माह 27 दिसंबर 2023 से 25 जनवरी 2024
माघ माह 26 जनवरी 2024 से 24 फरवरी 2024
फाल्गुन माह 25 फरवरी 2024 से 25 मार्च 2024 तक रहेगा।
नव संवत्सर 2080 के चैत्र नवरात्र की शुरूआत 22 मार्च से होगी। इस दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 को रात 10.52 से आरम्भ हो जाएगी। प्रतिपदा तिथि का समापन 22 मार्च को रात 8.20 पर होगा। चैत्र नवरात्रि में घट स्थापना मुहूर्त सुबह 6. 29 से सुबह 7. 39 तक करना श्रेयस्कर होगा।