हरिद्वार। बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि कंपनी ने उन 14 प्रोडक्ट्स की बिक्री रोक दी है जिनके लाइसेंस रद्द किए गए थे। पतंजलि ने उच्चतम न्यायालय को जानकारी दी कि उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने अप्रैल 2024 में जिन 14 उत्पादों के लाइसेंस कैंसिल किए थे, उन्हें देशभर के स्टोर से वापस लिया जा रहा है।
कंपनी ने जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच को बताया कि उसने 5,606 फ्रेंचाइजी स्टोर को इन उत्पादों को वापस लेने का निर्देश दिया है। पतंजलि आयुर्वेद ने आगे कहा कि मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी इन 14 प्रोडक्ट के सभी विज्ञापन वापस लेने का निर्देश दिया गया है।
पतंजलि ने जिन उत्पादों में बैन लगाया है उनमें अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और डायबिटीज के लिए रामदेव की पारंपरिक दवाएं भी शामिल हैं। वहीं दिव्य फार्मेसी की जिन दवाओं पर बैन लगाया है उनमें श्वासारि गोल्ड, ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेहा, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावरस लिपिडोम, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, बीबी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप शामिल है।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई तय की है। शीर्ष अदालत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें पतंजलि पर कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है।