वायरल वीडियों ने भी करायी फजीहत
हरिद्वार। अग्नि अखाड़ा से निरंजनी अखाड़े के संत बने स्वामी कैलाशानंद गिरि को निरंजनी अखाड़े द्वारा आचार्य महामण्डलेश्वर बनाए जाने की घोषणा के बाद निरंजनी अखाड़े के आचार्य मण्डलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद महाराज के विरोध के बाद अनिश्चितता के बादल छा गए हैं। इसके साथ ही पट्टाभिषेक पर कानूनी शिंकजा भी बाधा बन सकता है।
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी प्रज्ञानदं गिरि महाराज के वर्तमान में आचार्य पद पर काबिज रहने के दावे के साथ पट्टाभिषेक विवादों में आ गया है। स्वामी प्रज्ञानंद महाराज ने कहा है कि वह आचार्य गद्दी को किसी भी कीमत पर बिकने नहीं देंगे, इसके लिए उन्हें जो भी लड़़ाई लड़नी पड़ेगी वह लड़ेंगे। सूत्र बताते हैं कि कानून को हथियार बनाकर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद गिरि महाराज न्यायालय का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं। पट्टाभिषेक से पूर्व कानूनी हथियार स्वामी प्रज्ञानंद के हाथों लग सकता है। और इसकी वह पूरी तैयारी कर चुके हैं। स्वामी प्रज्ञानंद महाराज ने कहाकि आचार्य पद गरिमाय पद होता है। और आचार्य पद की गरिमा को वह कायम रखेंगे। इसके लिए उन्हें जो भी लड़ाई लड़नी पड़े वह लड़ेंगे। स्वामी प्रज्ञानंद गिरि महाराज ने कहाकि साधु का कार्य सत्य और न्याय के मार्ग पर चलना और दूसरों को भी सन्मार्ग दिखाने का है। किन्तु इस प्रकार के कृत्यों से साधु की महिमा को तार-तार करने का प्रयास किया जा रहा है।
स्वामी कैलाशांनद गिरि महाराज से संबंधित वायरल वीडियो के संबंध में उन्होंने कहाकि यह सब साधु के लिए शोभनीय नहीं है। इससे समाज में साधु की महिमा समाप्त होती है तथा यह साधु की मर्यादा के भी विपरीत है। सूत्र बताते हैं कि पट्टाभिषेक समारोह में कानून बाधा डाल सकता है।