हरिद्वार। पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने कहा कि आखिर आरएसएस ने अपना रंग दिखा दिया। अभी तक मनु के चार वर्ण के सिद्धांत थे जिसमें ब्राह्मण, क्षेत्रीय, वैश्य और शूद्र में विभाजित था। लेकिन स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जो भारत बना उस भारत में इस विचार का कोई स्थान नहीं था। उसी के आधार पर संविधान की रचना हुई। जिसमें जाति, धर्म, रंग किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं होगा। परंतु हिंदुत्व और भारत के हिंदू राष्ट्र बनाने वाले संगठनों और दलों ने स्वतंत्रता संग्राम और संविधान को कभी भी मन से स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहाकि यह विडंबना ही कही जाएगी कि संविधान की रक्षा की शपथ लेने वाली भाजपा की सांसद प्रज्ञा ठाकुर आज भी मनुवादी धारणा से मुक्त नहीं हो पाई है। उसका यह आचरण संविधान विरोधी है। भाजपा के किसी नेता द्वारा इसका प्रतिवाद न किया जाना इस बात का सबूत है वह भी ऐसा ही सोचते हैं। उन्होंने इसकी निंदा करते हुए राष्ट्रपति से सांसद प्रज्ञा ठाकुर की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की।