जिला इमर्जन प्रोग्राम जिला प्रशासनिक अधिकारियों को करेगा प्रशिक्षित
देहरादून। जिला स्तर पर कौशल विकास को बढ़ावा देने के प्रयास में कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने दो वर्षीय फैलोशिप प्रोग्राम, महात्मा गांधी नेशनल फैलोशिप प्रोग्राम के लान्च के लिए इण्डियन इन्सटीट्यूट आफ मैनेजमेन्ट (आईआईएम) बैंगलोर के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस अवसर पर सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय आर सुब्रमण्यम, सचिव, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय डा. के.पी. कृष्णन, निदेशक, आईआईएम, बैंगलोर जी रघुराम, कन्ट्री डायरेक्टर, विश्व बैंक के जुनैद अहमद तथा भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय से वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। कार्यक्रम का विकास कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री डा. महेन्द्र नाथ पाण्डे के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में किया।
यह फैलोशिप प्रोग्राम राष्ट्रीय, राज्य एवं जिला स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन एवं कार्यान्वयन में कर्मचारियों की अनुपलब्धता की समस्या को हल करने में मदद करेगा।
एमजीएनएफ प्रोग्राम में जिला प्रशासन के साथ मूलभूत व्यवहारिक अनुभव का इन बिल्ट अवयव शामिल है। गुजरात, कर्नाटक, मेघालय, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और उत्तराखण्ड के 75 जिलों में पायलट आधार पर लन्च किए गए इस प्रोग्राम के लिए योग्य फैलोज की उम्र 21-30 वर्ष के बीच होनी चाहिए,। उनके पास किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री होनी चाहिए और साथ ही उनके लिए भारत का नागरिक होना भी जरूरी है। इसके अलावा फील्डवर्क में आधिकारिक भाषा की दक्षता भी अनिवार्य है।
साझेदारी पर अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए डा. के पी कृष्णन, सचिव, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने कहाकि आज भी ऐसे उम्मीदवारों की कमी है जो मूलभूत स्तर पर कौशल विकास प्रोग्रामों के प्रबंधन एवं संचालन में योगदान दे सकें, आईआईएम बैंगलोर के साथ इस फैलोशिप के माध्यम से हमने इसी समस्या को हल करने का प्रयास किया है।
इस प्रयास के माध्यम से हम बड़ी संख्या में स्थानीय समुदाय की भागीदारी को सुनिश्चित करना चाहते हैं। हमें विश्वास है कि यह प्रोग्राम प्रतिभाशाली युवाओं को आकर्षित करेगा, जो जिला प्रशासनिक स्तर पर कौशल के सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सचिव, उच्च शिक्षा विभाग आर सुब्रमण्यम ने कहाकि आज हमारे देश के युवा बेहद महत्वाकांक्षी हैं तथा समाज कल्याण एवं राष्ट्र निर्माण में योगदान देना चाहते हैं।
प्रशिक्षण के दौरान फैलोज को राज्य कौशल विकास मिशन के तहत काम करने का मौका मिलेगा। वे जिला स्तर पर मौजूद खामियों और चुनौतियों को दूर करने में योगदान दे सकेंगे। इससे कौशल प्रोग्रामों में स्थानीय नियोजन, सामुदायिक इन्टरैक्शन और परिणाम प्रबंधन को प्रोत्साहन मिलेगा। फेलोज को पहले साल में रु 50000 का भत्ता तथा दूसरे साल में रु 60,000 का भत्ता दिया जाएगा। पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद उन्हें आईआईएम बैंगलोर की ओर से पब्लिक पालिसी एण्ड मैनेजमेन्ट में प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा।