देश में विचित्र घटनाक्रम लेकर आएगा सूर्य ग्रहणः मिश्रपुरी

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हरिद्वार। इस बार 21 जून को वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण भातरर्व्श में दिखायी देगा। किन्तु ग्रहण उत्तराखण्ड, हरियाणा और राजस्थान में पूर्ण रूप में दिखायी देगा। जो एक कंगन के आकार का होगा। ग्रहण के दौरान तीन ग्रहों का वक्री होना कष्टकारी बताया गया है, किन्तु इस बार ग्रहण में छह ग्रहण शनि, गुरु, बुध, शुक्र, राहु व केतु वक्री रहेंगे। जिस कारण से यह ग्रहण बहुत ही कष्टकारी होगा।


ज्योतिषाचार्य पं. प्रतीक मिश्रपुरी के मुताबिक सूर्य ग्रहण 21 जून को प्रातः 9 बजकर 15 मिनट व 58 सेकेण्ड से आरम्भ होगा। 10 बजकर 17 मिनट व 45 सेेकेण्ड पर सूर्य कंगन की भांति दृश्य होगा। सूर्य ग्रहण का परम ग्रास दोपहर 12 बजकर 10 मिनट व 4 सेकेण्ड पर होगा तथा दोपहर 2 बजकर 2 मिनट और 17 सेकेण्ड पर सूर्य कंगन के रूप में दृश्य होगा। ग्रहण की समाप्ति 3 बजकर 4 मिनट व 1 सेकेण्ड पर होगी। हरिद्वार में यह ग्रहण प्रातः 10 बजकर 23 मिनट व 46 सेकेण्ड पर आरम्भ होगा और 12 बजकर 5 मिनट व 22 सेकेण्ड पर ग्रहण का मध्य होगा। 1 बजकर 50 मिनट व 57 सकेण्ड पर हरिद्वार में ग्रहण की समाप्ति होगी। हरिद्वार में ग्रहण 98.9 प्रतिशत तक दिखायी देगा।
बताया कि रविवार को ग्रहण होने के कारण इसका नाम चूड़ामणि ग्रहण होगा। बताया कि महाभारत के समय भी ऐसा ही ग्रहण पड़ा था। महर्षि व्यास ने इस ग्रहण का फल मानव विनाश बताया है। पं. प्रतीक मिश्रपुरी के मुताबिक वर्ष 1900 से लेकर 2000 तक 228 सूर्य ग्रहण हो चुके हैं। 1935 में एक ही वर्ष में पांच सूर्य ग्रहण हुए थे।
उन्होंने बताया कि ग्रहण के दोष से बचने के लिए दान-पुण्य व जप आदि श्रेष्ठ है। बताया कि ग्रहण के अंतिम काल में दान करना श्रेष्ठ होता है। सूर्य ग्रहण के समय किया गया दान 1000 कपिला गाय के दान के समान होता है। तथा शिव मंत्र का जाप रोगों का शमन करता है। बताया कि यह ग्रहण मिथुन राशि पर मृगशिरा व आद्रा नक्षत्र में होगा। इस कारण मिथुर राशि वाले जातकों के लिए यह ग्रहण कष्टकारी होगा। इस ग्रहण के प्रभाव से मेष राशि वालों को धन लाभ, वृष वालों धन हानि, मिथुन के लिए कष्ट, कर्क राशि वालों के लिए धन हानि, सिंह के लिए लाभ उन्नति, कन्या को रोग भय, तुला के लिए चिंता संतान कष्ट,वृष्चिक राशि वाले जातकों के लिए शत्रु परेशानी, धनु वालों के लिए रोग, मकर के लिए गुप्त चिंता तथा कुंभ वालों के लिए धन खर्च व मीन राशि वालों के लिए कार्य में सफलता मिलेगी। इसके साथ ही श्री मिश्रपुरी ने बताया कि ग्रहण के फलानुसार यह ग्रहण महामारी, राष्ट्रों के बीच तनातनी, भूकंप और विशेष व्यक्ति की मृत्यु का योग बनाता है। इसके साथ ही विश्व में वित्रित घटनाक्रम देखने को मिलेंगे। बताया कि ग्रहण के दौरान गंगा स्नान का विशेष फल है। ग्रहण स्नान का फल कुंभ स्नान के तुल्य बताया गया है। उन्होंने ग्रहण के दोष से बचने के लिए सर्वोत्तम उपाय दान और जप बताया।

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