विलुप्त होती संस्कृति और आर्ट्स को बचाना ही उद्देश्य: सुशील कुमार

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रुड़की/संवाददाता
राष्ट्रीय समाज कल्याण मिशन द्वारा संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से संचालित कुमाऊं की लोक परंपरा के अंतर्गत ऐपण आर्ट प्रशिक्षण शिविर के उद्घाटन अवसर पर बोलते हुए मेयर गौरव गोयल ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के रूप में जहां देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी जानी जाती है, वहीं नगरीय संस्कृति के चलते तमाम लोक संस्कृति पीछे छूट गई है। आज की युवा पीढ़ी को ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजनों से अपने प्रदेश की संस्कृति को जानने का अवसर मिलेगा। ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष सुशील कुमार ने कहा कि ऐपण का प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व है। विलुप्त होती इस संस्कृति एवं आर्ट्स को सभी को बचाना है। उन्होंने ट्रस्ट की ओर से किए जा रहे विभिन्न कार्यों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। नगर आयुक्त नूपुर वर्मा ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति को सहेजने के साथ ही स्वच्छता को भी संस्कार बनाए और सुबह की शुरुआत स्वच्छ नमस्ते से करें। उन्होंने कार्यक्रम में स्वच्छता का संदेश देने के साथ ही संकल्प दोहराया। कार्यक्रम में रंगारंग प्रस्तुति देने के लिए कलाकारों को मेयर गौरव गोयल तथा नगर आयुक्त द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बीएल अग्रवाल, पिंकी सैनी, दीपक सालार, पार्षद अमित प्रजापति, नवीन कुमार जैन एडवोकेट, जगबीर सिंह, सुनील,कविता रावत, रीना अग्रवाल आदि बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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