हरिद्वार। सिडकुल एसो. के जनरल सेक्रेटरी राज अरोड़ा ने उत्तराखंड सरकार पर अन्य राज्यों के मुकाबले प्रदेश में इंडस्ट्रीज को पर्याप्त राहत नहीं देने का आरोप लगाया।
विदित हो कि कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन किए जाने से सिडकुल में चलने वाली अधिकतर कम्पनियों को ऐहतियात के तौर पर बंद करने के आदेश दे दिये थे। हालांकि कुछ फार्मा कंपनियों को कुछ नियमों के पालन के साथ खोलने के आदेश भी दे दिये हैं। इस दौरान दूसरे चरण के लॉक डाउन के शुरू होने पर सिडकुल की कई कंपनियों को राहत देते हुये सरकार की गाइडलाइन के अनुसार चलाने की इजाजत भी दे दी गयी है। वहीं सिडकुल मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के जनरल सेक्रेटरी राज अरोड़ा और सदस्य सुयश वालिया का कहना है सरकार के द्वारा जो राहत दी गई है वो नाकाफी है। इसमे और बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहाकि प्रदेश में कम्पनियों को तभी पर्याप्त राहत मिलेगी जब शासन प्रशासन से मिली गाइडलाइन में बदलाव होगा। इसमंे सबसे अहम तीन मांगे हैं जिस पर शासन को ध्यान देना चाहिये। अगर इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो कंपनियों को आगे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जिसमें मुख्य रूप से इंडस्ट्रीज पर दबाव न बनाया जाये कि घर बैठे बिना काम के कर्मचारियों को वेतन दिया जाये। दूसरी समस्या जिन इंडस्ट्री को प्रशासन द्वारा चलाने की अनुमति है उसके लिये मेन पावर नहीं मिल पा रही है। इसके लिये अगर अनुमति मिल भी रही है तो प्रशासन के नियम कानून उतने व्यवहारिक नहीं हैं जिसे आसानी से पूरा कर सके। कहाकि कच्चा सामान भी उन्हें नहीं मिल पा रहा है जो कि दूसरे राज्यों से आता है। तीसरा मुख्य कारण विद्युत वितरण की दरों में राज्य सरकार द्वारा राहत दी जानी जरूरी थी, जो कि अब तक नहीं दी गयी है। कहाकि बिजली की निश्चित दरों को केंसिल किया जाये। जिस तरह से अन्य राज्यांे में भी इंडस्ट्रीज को राज्य सरकारों द्वारा छूट दी गई है। उन्होंने कहाकि अगर हमारी मांगंे सरकार द्वारा नहीं मानी जाती है तो इंडस्ट्रीज को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जिसके लिए सरकार को इंडस्ट्रीज को बचाने के लिये सहयोग देना चाहिए।