हरिद्वार में लॉकडाउन घोषित होने के बाद मदद के लिए हरिद्वार में मंशादेवी मंदिर ट्रस्ट व उसके अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी महाराज ने धार्मिक संस्था के रुप में सबसे पहले मदद देने के लिए अपने हाथ बढ़ाए। संस्था हरिद्वार में प्रशासन के साथ शुरू से ही आमजनों व यहां फंसे हुए यात्रियों की सेवा सुश्रुषा में जुटी हुई है। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की आर्थिक सहयोग की अपील से पूर्व ही महंत रवींद्रपुरी महाराज ने आगे बढ़कर डीएम राहत कोष में 11 लाख रुपए संस्था की ओर से जमा कराए। उसके बाद मुख्यमंत्री फंड के लिए नगर विकास मंत्री की मार्फत 5 लाख रुपये का चौक भिजवाया। अचानक लॉकडाउन बढ जाने से फंस गए यात्रियों को हरिद्वार में रहने के लिए उचित स्थान उपलब्ध कराना प्रशासन के लिए चुनौती थी। स्वामी रविंद्रपुरी ने इसके लिए भी आगे बढकर पहल की व हरिद्वार में फंसे हुए यात्रियों के लिए मंशादेवी ट्रस्ट व निरंजनी अखाडे की धर्मशालाओं के दरवाजे खोल दिये। इन धर्मशालाओं में अब भी सैंकडों लोग रुके हुए हैं। जिनके खाने पीने का प्रबंधन भी संस्था कर रही है। हरिद्वार में फंसे गुजरात के यात्रियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाने में भी ट्रस्ट का योगदान रहा। स्वामी रविन्द्र पुरी ने इन यात्रियों के लिए भी प्रशासन को दो लाख रुपये देकर उनके मार्ग के खाने-पीने का इंतजाम किया। ट्रस्ट शीघ्र ही हरिद्वार व शिवालिक नगर के 73 वार्डों में लॉकडाउन प्रभावितों के लिए एक हजार क्विंटल अनाज बंटवाने जा रहा है। शासन ने पंचायती निरंजनी अखाडा व मंशादेवी ट्रस्ट के लॉकडाउन में सहयोग व समर्पण को देखने के बाद ही स्वामी रविंद्रपुरी महाराज को शासन के सहयोग के लिए गठित सिविल सोसायटी के प्रमुख के तौर पर नामित किया है। इन संस्थाओं के प्रतिनिधि के तौर पर स्वामी रविंद्रपुरी महाराज द्वारा दिये गए सहयोग की सराहनी की जा रही है।