हरिद्वार। भारतीय रैडक्रास सोसाइटी, हरियाणा शाखा के नंगली बेला आश्रम में चल रहे सात दिवसीय राज्य स्तरीय जूनीयर रैडक्रास प्रशिक्षण शिविर के चैथे दिन रविवार को प्रातःकालीन सत्र में रैडक्रास ध्वजारोहण, झण्डा गीत, योगा व मेडिटेशन के साथ शुरूआत हुई। चैथे दिन अनेक प्रकार की शैक्षणिक और सामाजिक गतिविध्यिों के साथ-साथ प्रतिभागियों ने जीवन के नैतिक मुल्यों और आदर्शो की शिक्षा प्राप्त की ।
प्रतिभागियों को शिविर निदेशक रामाशीष मण्डल ने रक्तदान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हम रक्तदान करके किसी के आंसुओं को खुशी में बदलकर एक नया जीवन दे सकतें है। जो हमारे जीवन की सच्ची सार्थकता है। मण्डल ने कहा कि हम सब लोंगों का नैतिक कर्तव्य बनता है कि हम निःस्वार्थ भाव से मानव जगत की भलाई के लिए रक्तदान करें, ताकि हम लोगों द्वारा दिये गये रक्त से किसी का बहुमूल्य जीवन बचा सकें। क्यांेकि मानव रक्त का कोई विकल्प नहीं है सिर्फ इंसान ही दूसरे इंसान को रक्त दे सकता है।
जिला प्रशिक्षण अध्किारी, एमसी धीमान ने जूनियर्स को प्राथमिक सहायता, अजय श्योराण ने सीपीआर, बेहोशी, घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाने की विधियों पर प्रकाश डाला। रिसोर्स पर्सन अजय श्योराण ने बताया कि हमारी थोड़ी सी मदद भरा प्रयास दुर्घटना स्थल पर घायल या पीड़ित को कृत्रिम सांस और सीपीआर के द्वारा बेहोश व्यक्ति के जीवन को बचाया जा सकता है। रिसोर्स परसन टेक चन्द यादव ने युवाओं मे धुम्रपान व नशीले पदार्थांे के बढ़ते प्रचलन पर चिन्ता जाहिर की।
इस अवसर पर संयुक्त शिविर निदेशक, विनीत गाबा, अंकुश, राजकुमार परेवा, सुनील पहाड़िया कामना, सतबीर सिंह, सीमा देवी, जसविन्दर पाल, राजेश कपूर, हरजीत सिंह अन्य काॅउन्सलर्स उपस्थित थे।