हरिद्वार। प्रदेश की महिला बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्या ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर प्रदेश में 30 मीटर स्पान सेतु तथा पैदल सेतु के डिजाईन सम्बन्धी मानक में बदलाव करने की मांग की है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में श्रीमती आर्या ने अनुरोध किया है कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति के मददे्नजर सेतु तथा पैदल सेतु निर्माण सम्बन्धी डिजाइनों के नियमों में बदलाव करते हुए विभाग में जो डिजाइन एवं ड्रांइंग उपलब्ध है, उन्ही डिजाइनों की स्वीकृति देते हुए निर्माण कार्य को आगे बढ़ाये। श्रीमती आर्या ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में अनुरोध किया है कि प्रदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए जाने सेतु, पैदल सेतु के डिजाइन, ड्रांइग, वेटिंग कार्य के लिए नियमों में आंशिक संशोधन किया जाये। उन्होंने अवगत कराया है कि शासनादेश संख्या 631/11.2/51 सामान्य 13/2019 दिनांक 12.2.2019 द्वारा क्षेत्रों के निमार्ण से सम्बन्धित डिजाइन एवं वेटिंग का कार्य केवल आईआईटी दिल्ली, कानपुर, मुबंई तथा बीएचयू, आईटी वाराणसी से ही कराये जाने के आदेश निर्गत किये गये थे तथा शासनादेश संख्या 3776/111/51 सामान्य-13/2019 दिनांक 29.9.2019 के अनुपालन में 30 मीटर से कम स्पान के सेतुओं, पैदल सेतुओं का डिजाईन, ड्राइंग एवं वेटिंग का कार्य प्रदेश के गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालयएवं पतंनगर इंजीनियंरिंग कॉलेज से कराने के आदेश दिए गए थे, जिससे प्रदेश में कई प्रकार की समस्या सामने आ रही हैं। क्योंकि पंतनगर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि एवं पंतनगर इंजीनियंरिंग कॉलेज द्वारा यह कार्य नहीं किया जा रहा है और उपरोक्त संस्थाएं सेतुओं के डिजाइन में कोई रूचि नही ंले रही हैं, जिससे प्रदेश के हजारों पुल के निर्माण कार्य रूके हुए हैं व इन कार्यो में कई वर्षांे का समय अनावश्यक रूप से लग रहा है। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण वर्षा के दिनों में नदी नालों में भारी जलभराव के कारण क्षेत्रों की बहुत आवश्यकता पड़ती है और सेतु नहीं होने के कारण अक्सर जनहानि होती आ रही है। इसलिए निमयें में बदलाव करते हुए पैदल सेतु के डिजाईन एव ड्राइंग के सुपर स्ट्रक्चर के डिजाइन जो विभाग में उपलब्ध हैं, उन्ही डिजाइनों की स्वीकृति को मानक बनाने एवं निर्माण कार्यों को आगे बढ़ाने का कार्य करें।