हरिद्वार। भारत विकास परिषद हरिद्वार की पूर्व महिला संयोजिका रेखा नेगी ने कहाकि पृथ्वी पर लाखों प्रजाति के जीव व वनस्पति उपलब्ध हैं। इन सबकी विशेषता व आवास भिन्न है, फिर भी यह आपस में प्राकृतिक कडि़यों से जुड़े हैं। मानव के कारण पर्यावरण में हो रहे बदलाव के कारण इनकी कडि़यां टूट रही हैं, जो कि चिन्ता का विषय है। विश्व जैव विविधता दिवस या विश्व जैव विविधता संरक्षण दिवस 22 मई को मनाया जाने वाला अन्तर्राष्ट्रीय पर्व है।
भारत विकास परिषद की पूर्व महिला संयोजिका रेखा नेगी ने कहा कि हमें एक ऐसे पर्यावरण का निर्माण करना है, जो जैव-विविधता में समृद्ध, टिकाऊ और आर्थिक गतिविधियों के लिए हमें अवसर प्रदान कर सके। जैव-विविधता की कमी होने से प्राकृतिक आपदा बाढ़, सूखा और तूफान आदि आने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। इस कारण जैव-विविधता का संरक्षण बहुत जरूरी है। लाखों विशिष्ट जैविक की कई प्रजातियों के रूप में पृथ्वी पर जीवन उपस्थित है और हमारा जीवन प्रकृति का अनुपम उपहार है। इसलिए पेड-पौधे, अनेक प्रकार के जीव-जन्तु, मिट्टी, हवा, पानी, महासागर-पठार, समुद्र-नदियां यह सभी प्रकृति की देन का हमें संरक्षण करना चाहिए, क्योंकि यही हमारे अस्तित्व एवं विकास के लिए काम आती हैं।