हरिद्वार। कुंभ से पूर्व संतों के बीच खूनी संघर्ष की संभावना प्रबल हो गयी है। कारण निरंजनी अखाड़े पर आचार्य पद पर पट्टाभिषेक होना बताया जा रहा है।
बता दें कि निरंजनी अखाड़ा आचार्य महामण्डलेश्वर पद पर स्वामी कैलाशांनद गिरि को बैठाने जा रहा है। जबकि आचार्य पद पर पूर्व से ही आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद गिरि महाराज पद पर चले आ रहे हैं। स्वामी प्रज्ञानंद गिरि महाराज का कहना है कि वे अखाड़े के आचार्य थे, हैं और रहेंगे। उन्होंने न तो पद से त्यागपत्र दिया है और न ही अखाड़े द्वारा उन्हें पद से निष्कासित किए जाने संबंधी कोई सूचना प्राप्त हुई है। ऐसे में किसी अन्य को आचार्य पद पर अभिषिक्त नहीं किया जा सकता।
सूत्र बताते हैं कि स्वामी प्रज्ञानंद महाराज को हरिद्वार न आने के संबंध में धमकी दी जा चुकी है। बावजूद इसके वे हरिद्वार पहुंच गए हैं। साथ ही इस विवाद को लेकर उनके द्वारा कानूनी प्रक्रिया भी जारी है। ऐसे में उनके साथ किसी भी प्रकार के विवाद को अंजाम दिया जा सकता है। ऐसे में यदि स्वामी प्रज्ञानंद के साथ कोई हरकत होती है तो विवाद के बढ़ने की संभावना प्रबल हो जाएगी।