हरिद्वार। बैरागी कैंप में बैरागी अणी अखाडों को सरकार द्वारा आरक्षित भूमि को जल्द से जल्द आवंटित किया जाए। चेतन ज्योति आश्रम में संतों ने मंदिर हटाने के नोटिस पर भी नाराजगी जतायी। बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि मठ मंदिर और संतों के दम पर भाजपा सत्ता में आती है और सत्ता में विराजमान होने के बाद संतों पर ही कुठाराघात करती है। सत्ता हथियाने के बाद हिंदू समाज का ही शोषण भाजपा सरकार द्वारा किया जाना खेदजनक है। उन्होंने कहा कि मात्र वोट बैंक की राजनीति कर संतों को भी गुमराह करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैरागी कैंप क्षेत्र में महाकुंभ मेले के दौरान तीनों अणी अखाड़ों के शिविर स्थापित होते हैं। लेकिन सरकार की हठधर्मिता के चलते ही वैष्णव संतों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को बैरागी कैंप भूमि आरक्षण को लेकर न्यायालय में अपना पक्ष भी रखना चाहिए था। चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज ने कहा कि महाकुंभ मेला निर्विघ्न संपन्न कराया जाना सरकार का दायित्व बनता है। लेकिन बैरागी कैंप को लेकर सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है। बैरागी अखाड़ों के मंदिरों को तोड़े जाने का नोटिस भेजना तर्कसंगत नहीं है। सरकार को संत महापुरूषों की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। सरकार को अपना पक्ष न्यायलय में अवश्य रखना चाहिए था। सैकड़ो वर्ष से बैरागी कैंप भूमि संत महापुरूषों के लिए आरक्षित चली आ रही है। सरकार को अपना पक्ष संत समाज के समक्ष रखना होगा। दोहरी मानसिकता को किसी भी रूप में सहन नहीं किया जाएगा। सनातन परंपरांओं से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। तीनों अणी अखाड़ों को जल्द से जल्द आरक्षित भूमि को आवंटित किया जाए। वरना सरकार को संतों की नाराजगी झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस दौरान महंत शिवानंद, स्वामी रामानंद, मनोज महंत, ऋषभ वशिष्ठ आदि उपस्थित रहे। इस दौरान संतों ने स्वर्गीय नन्दलाल गोयनका को भावभीनी श्रद्धांजलि प्रदान की और उन्हें पुण्य आत्मा बताया।