रुड़की। सालियर में करीब 80 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट शोपीस बना हुआ है। ट्रीटमेंट प्लांट को बने एक साल का समय पूरा हो चुका है लेकिन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अभी तक चालू नहीं हो पाया। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर का कहना है कि सीवर का पानी नहीं मिलने के कारण ट्रीटमेंट प्लांट चालू नहीं हो पाया। जबकि प्लांट पूरी तरह चालू हालत में है।
रुड़की के सालियर में एक साल पूर्व करीब 33 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को बने एक साल का समय पूरा हो चुका है जबकि ट्रीटमेंट प्लांट तक शहर के सीवर की गंदगी पहुंचाने के लिए दो पंपिंग स्टेशन भी एडीबी ने बनाए हैं। एडीबी ने करीब 80 करोड़ की लागत से यह ट्रीटमेंट प्लांट बनाया है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से गंदे पानी का ट्रीटमेंट कर खेती करने के लिए नहरों में छोड़ने की बात भी अधिकारी कह रहे थे लेकिन एक साल का लम्बा समय बीत जाने के बाद भी यह प्लांट शोपीस बना हुआ है। प्लांट बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर रजनीश दुबे के अनुसार शहर में डाली गयी नई सीवर लाइन में क्षेत्र के लोगों के कनेक्शन नहीं किए गए। जिससे एक दिन में अधिकतम तीन एमएलडी पानी ही प्लांट तक पहुंचता है। जिसमें सीवर का पानी भी बहुत कम मात्रा में होता है। उन्होंने बताया कि प्लांट की मशीन में लगे सेंसर को अधिकतम पानी सीवर का चाहिए होता है जबकि ऐसा नहीं होने पर ट्रीटमेंट नहीं हो रहा है और पानी को ऐसे ही बाइपास किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में परियोजना प्रबन्धक आरके रजवार ने बताया कि एडीबी स्तर पर किसी भी तरह की देरी नहीं हुई है। नई सीवर लाइन में घरों के कनेक्शन जोड़ने के लिए राज्य सरकार की ओर से पैसा रिलीज नहीं हुआ है। पैसा रिलीज होते ही घरों के सीवर के कनेक्शन करने का कार्य शुरू कर दिया जायेगा।