हरिद्वार। पंजाब प्रांत के वीरों कला से आए महंत शांतानंद महाराज ने कहा कि संतों का जीवन गंगा की पावन धारा के समान होता है। गंगा की पावन धारा जिस तरह जीवनदायिनी होती है, वैसे ही गंगा की धारा के समान संतों का जीवन समाज को आध्यात्मिक ज्ञान देकर नया जीवन प्रदान करता है।
वे आज कनखल में ब्रह्मलीन गुरुदेव संत स्वामी श्वेरानंद महाराज की स्मृति में आयोजित समारोह में बोल रहे थे। गुरू स्मृति समारोह का आयोजन श्री पंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन कनखल में आयोजित गया था ।
अखाड़ा के श्री महन्त महेश्वर दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन गुरुदेव उच्च कोटि के संत है। उन्होंने अपना जीवन समाज के कल्याण के लिए समर्पित किया और जनकल्याण की भावना से सारे कार्य किए। महन्त रघु मुनि ने कहा कि संतो ने हमेशा मानव कल्याण के लिए कार्य किया है। महंत दुर्गादास ने कहा कि संतों का जीवंत परमार्थ के लिए होता है। महन्त अद्वैतानंद महाराज ने कहा कि भगवान श्री चंद महाराज ने समाज को एक नई दिशा दी।
कोठरी निरंजन दास, महंत अमृत मुनि मानसा, कोठारी महंत दामोदर शरण दास, महंत भरत दास, महंत निर्मल दास, महंत दामोदर दास, अखाड़ा के महन्त व्यास मुनि आदि संत-महंत उपस्थित थे।