हरिद्वार। राजीव गांधी विवि विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) में हुए अंतर विश्वविद्यालयीन राष्ट्रीय योगा प्रतियोगिता में हरिद्वार स्थित देवसंस्कृति विश्वविद्यालय ने टीम व व्यक्तिगत प्रतियोगिता में पदक जीतकर उत्तराखण्ड का नाम एक बार फिर रोशन किया है। मंगलवार को विवि लौटने पर प्रतिभागियों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। लौटने पर गायत्री परिवार के अभिभावक व देसंविवि के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि विवि का वातावरण, आहार प्रबंधन एवं शारीरिक संतुलन विद्यार्थियों को सतत आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने गीता के विभिन्न सूत्रों के माध्यम से जीवन में योग की उपयोगिता एवं महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने कहा कि हमारे बच्चे योग प्रदर्शन ही नहीं, योग के सूत्रों को जीवन में अपना रहे हैं, जिससे शारीरिक एवं मानसिक संतुलन सुदृढ़ हो रहा है। उन्होंने कहा कि भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच योग संजीवनी बूटी की तरह है।
योग विभागाध्यक्ष डॉ. सुरेश वर्णवाल ने बताया कि विगत दिनों विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश में हुए अंतर विश्वविद्यालयीन राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में देश भर में 130 विश्वविद्यालयों के डेढ़ हजार से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया था। इसमें बालिका वर्ग के समूह प्रतियोगिता में दूसरा तथा व्यक्तिगत स्पर्धा में ज्योति कुमारी को रजत व श्वेता को कांस्य पदक लेकर एक बार पुनः देसंविवि, हरिद्वार का नाम रोशन किया है। टीम मैनेजर डॉ. सुनील कुमार, कोच डॉ. राकेश वर्मा एवं गायत्री चन्द्राकर के नेतृत्व में देसंविवि की चैदह सदस्यीय योग टीम गयी थी। वापस लौटने पर कुलपति शरद पारधी, प्रतिकुुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या, कुलसचिव बलदाऊ देवांगन सहित विवि परिवार ने टीम का स्वागत किया।