हरिद्वार। पूणे से उत्तराखण्ड प्रवासियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन मंगलवार को हरिद्वार पहुंची। ट्रेन अपने निर्धारित समय से एक घंटा विलम्ब से पहुंची। रेलवे कर्मचारियों व प्रशासन की टीम ने तालियां बजाकर पहंचे प्रवासियों का स्वागत किया। इस ट्रेन से करीब 1200 लोग हरिद्वार पहुंचे हैं। जिनमें गढ़वाल तथा कुमांऊं मण्डल के लगभग सभी जनपदों के लोग शामिल हैं। हरिद्वार पहुंचकर स्वागत से अविभूत उत्तराखण्डी प्रवासियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रशासन तथा स्वंयसेवी संस्थाओं की ओर से सभी यात्रियों को नाश्ता करवाया गया।
यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे स्टेशन पर बड़ी मात्रा में फोर्स तैनात की गयी थी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सरोज नैथानी के मार्गदर्शन में 20 मेडिकल टीम तैनात की गयीं थीं। कडाई से सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सबसे पहले इन प्रवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। और उसके बाद स्क्रीनिंग की गयी। लॉकडाउन की अवधि में यात्रियों के आवागमन के लिए बनी समिति के अध्यक्ष अपर जिला अधिकारी केके मिश्रा ने बताया कि पूणे से आज जो यात्री पहुंचे हैं, इनमें से आज ही 490 यात्रियों को कुमांऊं मण्डल के लिए, 26 को देहरादून तथा 29 को हरिद्वार में अलग-अलग जगह भेजा जाएगा। 561 यात्रियों को आज हरिद्वार में ही रोककर बुधवार को गंतव्य को रवाना किया जाएगा। बताया कि आज ही सूरत से भी एक श्रमिक ट्रेन यहां पहुंचेगी। जिसके 514 यात्रियों को हरिद्वार में रोककर शेष को उनके गंतव्य स्थानों के लिए रवाना कर दिया जाएगा।
यात्रियों ने हरिद्वार पहुंचने पर खुशी जतायी
पूणे से पहुंचे प्रवासी उत्तराखण्डियों में से एक नीरज सिंह ने बताया कि वे हरिद्वार पहुंचकर बहुत खुश हैं। पूणे में एक फैक्ट्री के कर्मी नीरज सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री बंद थी, जिस कारण उन्हंे भारी परेशानी झेलनी पड़ी। उन्होंने निःशुल्क ट्रेन यात्रा की व्यवस्था के लिए मोदी सरकार का आभार व्यक्त किया।
एक अन्य प्रवासी अनिल कुमार ने बताया कि वे व्यवसायिक कार्य से 18 मार्च को पूणे में थे। तभी से किस तरह अपने घर पहुंचें इस बात को लेकर परेशान थे। कहा कि मुझे अपने राज्य पहुंचकर बहुत अच्छा लग रहा है। बताया कि यात्रा में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई। वे पूणे में जहां रूके हुए थे वहां से पैदल ही रेलवे स्टेशन पहुंचे। हरिद्वार पहुंची पूजा पंत का कहना था कि वह पूणे में अध्ययन कर रही है। कॉलेज बंद होने से वह वहां अकेली फंसी हुई थी। इधर घरवाले परेशान थे। उसका घर देहरादून में है। उसने केन्द्र व राज्य सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि उसे रास्ते में कोई परेशानी नहीं हुई।