हरिद्वार। हरकी पौड़ी की प्रबंधकारिणी श्री गंगा सभा के चुनाव के चलते एक तीर्थ पुरोहित के वायरल वीडियो ने पूरे समाज में हलचल मचा दी है, जिसमें वह गंगा सभा के अध्यक्ष और महामंत्री पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। उनके इस बयान ने गंगा सभा के सभी तीर्थ पुरोहितों को असमंजस में डाल दिया है। जिस प्रबंध कार्यकरिणी को एक पूरे पुरोहित समाज के परिवार मिलकर चुनते हैं क्या वह लोग समाज का सम्मान रख पाते हैं, गंगा सभा की प्रबंध कार्यकरिणी का क्या दायित्व होता है। ऐसे में कई ऐसे सवाल खड़े होते हैं।
उधर वायरल वीडियों के बाद कुछ तीर्थपुरोहितों का कहना है कि यदि भ्रष्टाचार के आरोप हैं तो उन पर कार्यवाही करने का अधिकार सभापति और महामंत्री को है। अध्यक्ष को कार्यवाही करने का अधिकार नहीं है।
बताते चलंे कि इन दिनों हरिद्वार हरकी पौड़ी की प्रबंध कार्यकरिणी संस्था श्री गंगा सभा का चुनाव अन्तिम चरणों में है। चुनाव में केवल दो दिन शेष बचे हैं। चुनाव 18 जनवरी को होने हैं। जिसमें मुकाबला त्रिकोणीय है। एक गुट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में एक वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित ने मंच से वर्तमान गंगा सभा के जो अध्यक्ष और महामंत्री पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपने एक कर्मचारी से हजारों रुपए रोज लेते हैं। यदि देखा जाए तो कई लाख रूपए की कमाई करते हैं। उन्होंने तो इस बात का प्रमाण सिद्ध करने की भी बात कही। वायरल वीडियो में वह वर्तमान अध्यक्ष और महामंत्री के भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे होने और अपने मद में इतने चूर होने के साथ तीर्थ पुरोहितों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाने की बात करते दिखाई दिए। बैठक में उपस्थित समाज के लोग भी उनकी बात का समर्थन करते दिखे। हालांकि बद्री विशाल न्यूज वायरल वीडियों की पुष्टि नहीं करता है।
उधर एक तीर्थपुरोहित ने बताया कि जो भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं। उनमें कार्यवाही करने का अधिकार सभापति और महामंत्री को है। ऐसे में अध्यक्ष पर आरोप लगाने का कोई औचित्य ही नहीं है। यदि लगाए गए आरोप सही हैं तो सभापति और महामंत्री इसके लिए जिम्मेदार हैं।