हरिद्वार। सोमवती अमावस्या पर तीर्थनगरी में हरकी पैड़ी ब्रह्म कुण्ड समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगा पुण्य अर्जित किया। प्रातः से आरम्भ हुआ स्नान का सिलसिला अनवरत जारी रहा। गंगा में जल कम होने के कारण श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने में परेशानी उठानी पड़ी। स्नान पर्व को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करते हुए सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को 16 जोन व 36 सेटकरों में बांटकर अधिकारियों की नियुक्ति की थी। समाचार लिखे जाने तक कहीं से किसी अप्रिय घटना का समाचार प्राप्त नहीं हुआ। स्नान के पश्चात लोगों ने दान-पुण्य आदि कर्म करते हुए पितरों के निमित्त श्राद्ध तर्पण आदि कर्म किए।
सोमवती अमावस्या स्नान पर्व पर सोमवार की तड़के से ही हरिद्वार में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।
हालांकि रविवार से ही अमावस्या का पुण्य काल शुरू हो गया था। जो सोमवार को भी जारी रहा। इस कारण सोमवती अमावस्या पर स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु तीर्थनगरी पहुंचे। ब्रह्म मुहुर्त में शुरू हुआ स्नान का सिलसिला दिन भर अनवरत जारी रहा। गंगा बंदी के बाद रविवार रात्रि गंगा में जल छोड़े जाने के कारण गंगा में जल की मात्रा कम होने से श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने में कठिनाई उत्पन्न हुई। गंगा में तमाम घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी। स्नान पर्व के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने भी मुस्तैदी से कमान संभाली। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस प्रशासन की ओर से ्रगंगा घाटों पर जल पुलिस, डॉग स्क्वायड, एलआईयू, घोड़ा पुलिस के अतिरिक्त भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। दीपावली के बाद सोमवार को गोवर्धन पूजा होने के कारण सोमवती अमावस्या पर होने वाली भारी भीड़ की अपेक्षा इस बार स्नान पर्व पर भीड़ कम रही। स्नान के पश्चात लोगों ने दान-पुण्य आदि कर्म करने के साथ मंदिरों में माथा टेका व अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण आदि कर्म किए। जिस कारण नारायणी शिला पर श्राद्ध तर्पण करने वालों की भारी भीड़ रही।