हरिद्वार। हरिद्वार स्टोन क्रेशर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष निशांत ने एसो. के सदस्यों की सहमति से स्टोर क्रेशर को संचालन सरकार द्वारा वैधानिक रूप से खनन न खोले जाने तक बंद करने का निर्णय लिया है।
सोमवार को प्रेस क्लब सभागार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एसो. के अध्यक्ष निशांत ने कहाकि हरिद्वार व लक्सर क्षेत्र में 55 स्टोर क्रेशर यूनिट स्थापित हैं। सरकार द्वारा खनन के लिए अभी तक कोई ठोस नीति न बनाने व खनन पर रोक लगाए जाने के कारण उन्हें दिक्कतो ंको सामना करना पड़ रहा है। जिस कारण एसो. ने वैधानिक रूप से खनन न खोले जाने तक स्टोन क्रेशरों को बंद करने का निर्णय लिया है।
कहाकि कोई ठोस नीति न होने के कारण क्रेशर व्यापारियो को प्रताड़ित किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार को राजस्व का करोड़ों का प्रतिवर्ष नुकसान हो रहा है। कहाकि विगत वर्ष सरकार ने हरिद्वार से खनन से 120 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य रखा था, किन्तु सरकार को आठ करोड़ ही प्राप्त हुए। वह आठ करोड़ भी सरकार ने वन विभाग को बतौर मुआवजे के रूप में दे दिए। जिस कारण सरकार के हाथ खाली रहे। कहाकि खनन बंदी से हरिद्वार में करीब 50 हजार लोग बेरोजगार हुए है।, जो अब पलायन करने के लिए मजबूर हैं। कहाकि खनन बंद होने से विकास कार्यों में भी अवरोध उत्पन्न होगा। कहाकि खनन बंदी से जहां करोबारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है वहीं सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने खनन बंदी को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा व मातृसदन पर निशाना साधा। कहाकि खनन बंदी से हरियाणा और सहारनपुर के खनन माफियाओं को इसका लाभ पहुंच रहा है। सरकार को शीघ्र ही ठोस खनन नीति बनाकर खनन को खोलना चाहिए। कहाकि जब तक सरकार खनन नीति नहीं बनाती तब तक स्टोन क्रेशर नहीं खुलेंगे। प्रेस वार्ता में विनय चैधरी, अजय गर्ग, अंकुर जैन आदि मौजूद थे।