हरिद्वार। ऋषिकुल आयुर्वेदिक चिकित्सालय के बालरोग विभाग द्वारा शुक्रवार को सुवर्णप्राशन शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 165 बच्चों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाई पिलाई गई।
सुवर्णप्राशन के सबंध में चिकित्सालय की बाल रोग विशेषज्ञ रीना पाण्डेय ने बताया कि आयुर्वेद के मतानुसार पुष्य नक्षत्र का चिकित्सकीय महत्व है। इस नक्षत्र में औषधि सेवन से औषधि का शरीर पर प्रभाव और बढ़ जाता है। जिससे वह प्रभावी ढंग से अपना कार्य करती है। बताया कि सुवर्ण प्राशन शिविर में 165 बच्चों को औषधि दी गई। नियमित रुप से सेवन करने वाले बच्चों में इसका बहुत ही अच्छा प्रभाव देखने को मिल रहा है। बताया कि इस दवा के सेवन से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। 0 से 15 वर्ष तक के बच्चों को इस दवा का सेवन कराया जा सकता है। बताया कि जो बच्चे नियमित रूप से सुवर्णप्राशन दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं उनके बौद्धिक क्षमता का विकास, लम्बाई बढ़ना व शरीर सौष्ठव में लाभ देखने को मिला। इस दौरान विभाग से जुड़े जूनियर चिकित्सकों ने सहयोग किया।