हरिद्वार। गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वामी यतीश्वरानन्द ने सार्वजनिक व सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों के गन्ना किसानों को बड़ी राहत दी है। प्रदेश में पहली बार पेराई सत्र सम्पन्न होते ही गन्ना किसानों का पूरा भुगतान शासन से जारी कर दिया है। गन्ना किसानों की आर्थिक माली हालत को देखते हुए स्वामी यतीश्वरनन्द ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अवगत कराया। जिससे सहकारी व सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के किसानों के भुकतान के लिए 198.64 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान तत्काल अवमुक्त किया गया। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया है। गन्ना मंत्री स्वामी यतीश्वरनन्द ने कहा कि निजी क्षेत्रों की चीनी मिलों के गन्ना किसानों का भुगतान भी जल्द ही करा दिया जाएगा। चीनी मिल मालिकों की हठधर्मिता व किसानों का शोषण कतई बर्दाश्त नही होगा।
इस सम्बंध में शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। राज्य की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों बाजपुर, नादेही, किच्छा और डोईवाला के गन्ना किसानों के पेराई सत्र 2020-21 के गन्ना मूल्य भुगतान के लिए चन्द्रेश यादव सचिव, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग द्वारा 198 करोड़ 64 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत करते हुए गन्ना विभाग को उपलब्ध कराई गयी। विभाग द्वारा यह धनराशि सभी सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के बैंक खातों में स्थानान्तरित कर दी गई है।
मंत्री गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग यतीश्वरानन्द ने बताया कि इस समय कोरोना महामारी के कारण राज्य का किसान कठिन दौर से गुजर रहा है और सरकार किसानों के साथ खड़ी है। सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और किसानों को उनकी फसल का मूल्य दिलाये जाने के लिए वचनबद्ध है। जिसे देखते हुए विगत दो दशकों में पहली बार इतनी तत्परता से पेराई सत्र सम्पन्न होते-होते गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु चीनी मिलों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है।