कलियर। वार्षिक ठेकों की समयावधि पूरी होने पर तहसील प्रशासन व दरगाह प्रशासन ने कब्जा मुक्त कराते हुए दरगाह कर्मियों को तैनात कर दिया। दरगाह नीलाम कमेटी द्वारा प्रसाद, सोहन हलवा, पार्किंग, शौचालय आदि का ठेका प्रत्येक वर्ष छोड़ा जाता है। करीब 16 ठेकों का समय पूरा होने पर उन्हें ठेकेदार से कब्जा मुक्त कराया गया। इस दौरान प्रशासन की टीम को ठेकेदारों का विरोध भी झेलना पड़ा। दरगाह साबिर पाक की तमाम व्यवस्थाएं जिला प्रशासन और उत्तराखंड वक्फबोर्ड संयुक्त रुप से देखते है। दरगाह की नीलाम कमेटी द्वारा प्रत्येक वर्ष दरगाह से जुड़े ठेकों की नीलामी की जाती है, जिसमे करीब पांच प्रसाद की दुकानों सहित सोहन हलवा, पार्किंग, शौचालय, जूता रखाई आदि शामिल है। पूर्व में किए गए करीब 16 ठेकों का समय पूरा होने पर सोमवार को रुड़की नायब तहसीलदार के नेतृत्व में दरगाह प्रशासन की टीम ठेकों को कब्जा मुक्त कराने पहुँची। इस दौरान कुछ ठेकेदारों ने टीम का विरोध किया विरोध होने एसडीएम को मौके पर आना पड़ा। ठेकेदारों का कहना है कि उनको हटाने से पहले लिखित में दिया जाए, ताकि भविष्य में ये साफ हो कि ठेकेदारों के पास दुकान इस अवधि तक रही। वही मौके पर पहुँचे एएसडीएम पूरन सिंह राणा ने ठेकेदारों को आश्वासन देते हुए तमाम ठेके की दुकानों को खाली कराया। ज्ञात हो कि इस बार ठेका अवधि में कोरोना काल का समय भी रहा है, जिसके मद्देनजर ठेकेदारों को कुछ छूट दरगाह प्रशासन की ओर से भी दी जा चुकी है। एएसडीएम पूरण सिंह राणा ने बताया को प्रशासन की टीम ने दरगाह के करीब 16 ठेकों को समय पूरा होने पर कब्जा मुक्त कराया है। जिसमे ठेकेदारों ने भी प्रशासन का सहयोग किया है। इस दौरान नायब तहसीलदार सुदेश पाल सैनी, दरगाह प्रबन्धक मोहम्मद हारून, इंतखाब आलम, सुपरवाईजर राव सिकन्दर हुसैन, राव सारिक, अफजल अहदम, एसआई गिरीश चन्द्र, नीरज मेहरा, शिवानी नेंगी, लेखपाल वेदपाल सैनी सहित आदि कर्मचारी मौजूद रहे।