ऋषिकेश। न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक राम त्रिपाठी की अदालत ने वन्यजीव तस्कर को तीन वर्ष की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। थाना रानीपोखरी क्षेत्र के गुलदार की खाल तस्करी मामले में पुलिस की ओर से बनाए गए आरोपी को कोर्ट ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम में दोषी पाया।
विदित हो कि रानीपोखरी के जाखन पुल से 28 फरवरी 2014 को मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ देहरादून की टीम ने चेकिंग अभियान के दौरान एक युवक मनीष अधिकारी की तलाशी लेने पर उसके कब्जे से गुलदार की एक खाल बरामद की थी। जिसके बाद मौके से टीम ने युवक को गिरफ्तार कर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम में मुकदमा पंजीकृत किया था। इसके बाद मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश की अदालत में चल रहा था। कोर्ट में आरोपी की ओर से अपने बचाव में कोई मजबूत साक्ष्य पेश नहीं किया गया। जबकि पुलिस की ओर से बताया गया कि गिरफ्तारी के वक्त आरोपी के दाहिने हाथ में नीले व सफेद रंगा का बैग था। जिसके दोनों ओर हिंदी और अंग्रेजी में जोशीमठ की दुकान का पता लिखा हुआ था। पुलिस की ओर से बताया गया कि आरोपी मनीष अधिकारी का वर्तमान पता भी अपर बाजार जोशीमठ चमोली है। आरोपी की ओर से बरामद खाल को भारतीय जीव संस्थान में वैज्ञानिक परीक्षण के लिए भेजा गया। जहां से प्राप्त रिपोर्ट में खाल को गुलदार की खाल बताया गया। इस मामले में राज्य की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी राकेश चंद ने मजबूर पैरवी की। इसके बाद न्यायाधीश आलोक राम त्रिपाठी ने आरोपी को दोषी पाते हुए तीन साल की सजा सुनाई।