रंग बिरंगे फूलों व हर्बल रंगों की होली के बीच योगनगरी ऋषिकेश में प्रारम्भ हुए 35वें अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में योग की बयार देखने को मिल रही है। पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में अमेरिका इटली ब्राजील समेत 90 देशों के करीब 1000 से भी अधिक साधक योगनगरी पहुंचे।
35वें अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आज शुक्रवार दूसरा दिन था। 25 देशों के 75 योगाचार्यों के मार्गदर्शन में साधक विभिन्न आसनों के अलावा जीवन के नए आयाम भी सीख रहे हैं। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने दुनिया भर से पहुंचे योग प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा कि योग हमारी आध्यात्मिक प्रगति का मार्ग है। योग शरीर, मन और आत्मा का योग बनाता है। दुनिया विश्वगुरु भारत के संकल्प को पूरा करने में योग विद्या का महत्वपूर्ण योगदान होने वाला है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में योग स्वस्थ जीवन शैली का एक बड़ा हिस्सा बन चुका है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि उत्तराखंड योग की जन्मभूमि है, यहां पर हिमालय की कंदराओं में रहकर ही हमारे ऋषियों ने योग, ध्यान, पारंपरिक भारतीय जीवन शैली के परिष्कृत रूपों की खोज की हैं जो कि हर युग के लिए प्रासंगिक है। इसलिए योग के साथ उसके मूल स्वरूप, सिद्धांत और सार तत्व को भी अंगीकार करना जरूरी है।