वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व हैं। किस दिशा में क्या करना शुभ होता है और क्या अशुभ इस बात की पूरी जानकारी हमें वास्तुशास्त्र में मिलती है। कहते हैं कि घर में हर चीज वास्तु के अनुसार हो तो व्यक्ति का जीवन खुशियों से भर जाता है,लेकिन अगर वहीं चीजें अव्यवस्थित हो तो कई तरह की परेशानियां खड़ी कर सकती हैं। स्वास्थ्य,सफलता,धन सम्बन्धी समस्या को वास्तुदोष का निवारण कर दूर किया जा सकता है।
वहीं वास्तुशास्त्र में सिर्फ घर की सही दिशा या चीजों को सही रखने से ही नहीं बल्कि हमारे खाने-पीने की दिशा के बारे में भी बताया गया है। अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो इसका सीधा असर हमारी सेहत के साथ- साथ आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है। इस विषय पर क्या कहता है वास्तु शास्त्र आइए जानते हैं।
वास्तु शास्त्र के नियमानुसार जब भी खाना खाए दिशाओ का विशेष ध्यान रखें,नहीं तो गंभीर बीमारी से जूझना पड़ सकता है। इसके साथ-साथ व्यक्ति की आयु भी घटने लगती है।
खाना खाने के लिए सबसे अच्छी दिशा उत्तर और पूर्व मानी जाती है। जबकि खाना खाने के लिए दक्षिण दिशा सबसे अशुभ मानी जाती है। दक्षिण दिशा यम की मानी जाती है। इसलिए इस दिशा में खाना खाने से आयु घटने लगती है साथ ही इससे दुर्भाग्य भी बढ़ता है।
वास्तु के जानकारों की मानें तो6 खाना खाने के लिए पश्चिम दिशा भी सही नहीं मानी जाती. कहते हैं पश्चिम दिशा में मुंह करके खाना खाने से व्यक्ति पर कर्ज चढ़ता है। धीरे-धीरे सिर से पैर तक कर्ज में डूब जाएगा