बद्रीविशाल ब्यूरो
देहरादून। राष्ट्रीय महिला आयोग व उत्तराखण्ड पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में मानव तस्करी विरोधी जागरूकता एवं क्षमता निर्माण विषय पर देहरादून स्थित पुलिस लाईन में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य मानव तस्करी की रोकथाम के लिए सभी हितधारकों में क्षमता निर्माण कराना व पुलिस विभाग में नवीन तकनीक से इस पर अंकुश लगने के पूर्ण प्रयास शामिल है।
कार्यशाला का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इसके उपरांत पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था (उत्तराखण्ड) पी0 रेणुका देवी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। हमें गांव में जाकर कार्यशाला आयोजित कर सभी को इस अपराध के बारे में जागरूक करना चाहिए।
अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, उत्तराखण्ड अमित सिन्हा ने बताया गया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग की प्रभावी रोकथाम हेतु गुमशुदा व्यक्तियों विशेषकर महिलाओं व बच्चों की गुमशुदगी की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही करते हुए गुमशुदाओं को तलाश किये जाने का प्रयास किया जाना चाहिए। पुलिस को आधुनिकतम तकनीक का उपयोग कर गुमशुदाओं को तलाश किये जाने के हरसम्भव प्रयास किये जाने चाहिए।
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सचिव मीनाक्षी नेगी ने कार्यशाला को आयोजित कराने में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा किये गये सहयोग के लिए धन्यावाद देते हुए कहा कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने हेतु उसके मूल कारण को जानने की आवश्यकता है। प्रत्येक राज्य व क्षेत्र में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के अलग-अलग कारण होते हैं। ह्यूमन ट्रैफिकिंग मुख्यतः यौन शोषण, घरेलू दासता, मानव अंगों के प्रत्यारोपण, बलात् श्रम, सेरोगेसी आदि कारणों हेतु की जाती है। इस अपराध की रोकथाम हेतु सभी विभागों को आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता है।
कार्यशाला को एसडीआरएफ के पूर्व डीजी कमल पंत, कार्यक्रम अधिकारी मोहम्मद समून आदि ने भी संबोधित किया। कार्यशाला में नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, के0एस0 नागन्याल, पुलिस महानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र, सुश्री पी0रेणुका देवी, पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड सहित वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक, देहरादून, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल. उत्तरकाशी सहित कई अधिकारीगण उपस्थित रहे।