रुड़की/संवाददाता
बी.डी. इंटर कॉलेज भगवानपुर में भारत माता के अमर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पराक्रम दिवस के रुप में मनाई गई।
इस अवसर पर नेता जी को भावपूर्ण स्मरण करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य संजय गर्ग ने कहा कि जय हिंद तथा तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा जैसे प्रसिद्ध नारे देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का देश को आजाद कराने तथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान रहा। नेता जी ने अंग्रेजों को देश से निकालने के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। आजाद हिंद फौज का नेतृत्व करने के कारण ही लोग उन्हें प्यार से नेताजी कहकर पुकारते थे। भारतीय प्रशासनिक सेवा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने के पश्चात भी नेता जी ने अंग्रेजों की दी हुई नौकरी ठुकरा दी। नेताजी कहा करते थे कि हमारे अंदर देश के लिए मरने की इच्छा होनी चाहिए जिससे कि भारत जी सके। नेता जी का संपूर्ण जीवन देश के लिए समर्पित रहा। विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक संजय पाल ने कहा कि नेताजी कहा करते थे कि मेरा जन्म हिंदुस्तान को परतंत्रता की बेड़ियों से आजाद कराने के लिए हुआ है। मुझे यह नहीं मालूम कि स्वतंत्रता के इस युद्ध में हम में से कौन कौन जीवित बचेंगे, परंतु मैं यह जानता हूं कि अंत में विजय हमारी ही होगी। विद्यालय की वरिष्ट शिक्षिका कु. ललिता ने बताया कि नेता जी कहते थे कि सबसे बड़ा अपराध अंग्रेजों के अत्याचार और अन्याय सहना, ऐसी बदतर जिंदगी से तो मौत बेहतर है। इस अवसर पर श्रीमती पारुल देवी, श्रीमती अनुदीप, सुधीर सैनी, रजत बहुखंडी, निखिल अग्रवाल, नेत्रपाल, डॉ. विजय त्यागी, श्रीमती कल्पना रानी, रितु वर्मा, अर्चना पाल तथा संगीता गुप्ता आदि मौजूद रहे।