लक्सर। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की पटवारी-लेखपाल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक प्रकरण हरिद्वार जिले के सुल्तानपुर कस्बे तक पहुंच गया है। देर रात पुलिस ने सुल्तानपुर निवासी खालिद के घर पर दबिश दी, लेकिन वह पहले से ही फरार मिला। प्रशासन ने खालिद को 24 घंटे के भीतर आत्मसमर्पण करने का अल्टीमेटम जारी किया है।
जांच एजेंसियों के अनुसार खालिद का सीधा संबंध कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह से है, जिसे पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। जैसे ही खालिद को अपने नाम के उजागर होने की भनक लगी, वह घर से गायब हो गया। पुलिस ने मौके से उसकी तीन बहनों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
उल्लेखनीय है कि 21 सितंबर को प्रस्तावित पटवारी-लेखपाल परीक्षा शुरू होने के लगभग आधा घंटा बाद ही प्रश्नपत्र के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। इस खुलासे के बाद अभ्यर्थियों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। मामला तूल पकड़ने पर मुख्यमंत्री ने हरिद्वार के जिलाधिकारी और एसएसपी को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
सोमवार देर शाम लक्सर प्रशासन, पुलिस बल और बिजली विभाग की संयुक्त टीम ने खालिद के सुल्तानपुर स्थित मकान पर छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान नायब तहसीलदार सुधाकर जैन, बिजली विभाग के एसडीओ सचिन सचदेवा, जेई पवन सक्सेना, नगर पंचायत सुल्तानपुर की अधिशासी अधिकारी प्रियंका ध्यानी और चौकी प्रभारी वीरेंद्र सिंह नेगी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।
छापेमारी के दौरान बिजली विभाग ने आरोपी के घर की बिजली आपूर्ति तत्काल काट दी। प्रशासन ने सार्वजनिक चेतावनी दी कि यदि खालिद ने समय पर आत्मसमर्पण नहीं किया तो कड़ी अग्रिम कार्रवाई होगी। सूत्रों के अनुसार प्रशासन उसके घर पर बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि खालिद की लोकेशन लखनऊ के आसपास ट्रेस की गई है। उसकी गिरफ्तारी के लिए कई संभावित ठिकानों पर दबिश जारी है।
इस पूरे घटनाक्रम से इलाके में हड़कंप है। ग्रामीणों का कहना है कि पेपर लीक जैसे गंभीर घोटाले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों पर रोक लग सके।
बताते हैं कि आरोपी खालिद पहले पीडब्ल्यूडी विभाग में संविदा कर्मी था, लेकिन फिलहाल वह भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून में हेड क्लर्क के रूप में कार्यरत है।
