43 कवियों की रचनाओं का गुलदस्ता “सृजन सरोवर -रुड़की” काव्य संग्रह का हुआ विमोचन

big braking dehradun dharma Education Entertainment Haridwar Latest News Main News political Politics Roorkee social uttarakhand

रुड़की/संवाददाता
नवसृजन साहित्यिक संस्था द्वारा प्रकाशित काव्य संकलन “सृजन सरोवर -रुड़की” का लोकार्पण एक भव्य समारोह में किया गया। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार शिक्षाविद डॉ. योगेंद्र नाथ शर्मा “अरुण” ने की जबकि मुख्य अतिथि मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार डॉक्टर आनंद भारद्वाज रहे। विशिष्ट अतिथियो में शिक्षाविद डॉ. श्याम सिंह नागयान, साहित्यकार डा. श्री गोपाल नारसन, मेयर गौरव गोयल मेयर, विधायक श्रीमती ममता राकेश,नवसृजन संस्था संरक्षक सुबोध पुंडीर सरित, विमोचित काव्य संग्रह सृजन सरोवर के प्रधान सम्पादक एस.के.सैनी रहे। संचालन संस्था के अध्यक्ष नीरज नैथानी, महासचिव किसलय क्रांतिकारी तथा संस्था के कोषाध्यक्ष पंकज त्यागी असीम ने संयुक्त रूप से  किया। मां सरस्वती के चित्र के सामने दीप प्रज्वलन के बाद सुरेंद्र कुमार सैनी द्वारा सरस्वती वंदना की गई। साथ ही संस्था का कुलगीत पंकज त्यागी असीम व देवांश सैनी ने प्रस्तुत किया। संस्था की ओर से अतिथियों को बैज, माल्यार्पण, शाल तथा स्मृति चिन्ह भेंट करते हुये पुस्तक का विमोचन डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा “अरुण”, अन्य अतिथियों व संस्था पदाधिकारियो द्वारा किया गया। रुड़की के 43 रचनाकारों की पांच-पांच रचनाओं को इस काव्य संग्रह में स्थान मिला है। जिन्हें आयोजकों द्वारा सम्मानित कर पुस्तक भेंट की गई। नीरज नैथानी ने संस्था की प्रगति पर प्रकाश डाला। विधायक ममता राकेश विधायक व मेयर गौरव गोयल  ने कहा कि रुड़की के 43 रचनाकारों की कविताओं व गजलों का सामूहिक प्रकाशन साहित्यिक क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य है। सुबोध पुंडीर सरित ने पुस्तक को रुड़की के साहित्य क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम बताया। साहित्यकार श्रीगोपाल नारसन ने कहा कि सृजन सरोवर ऐसी कृति है, जिसमे काव्य की हर विधा मौजद है। उन्होंने आर्थिक रूप से विपन्न साहित्यकारों की रचनाओं के प्रकाशन में सरकार के सहयोग की अपेक्षा की। वही वरिष्ठ नागरिक साहित्यकारों को सम्मान पेंशन दिए जाने पर जोर दिया। शिक्षाविद डॉ श्याम सिंह नागयान ने नवसृजन संस्था के प्रयासों को साहित्यिक क्षेत्र में मील का पत्थर बताया। मुख्य अतिथि डॉ आनंद भारद्वाज ने कहा कि नई शिक्षा नीति में स्थानीय विषयों को पढ़ाने की व्यवस्था है। इस आधार पर इस काव्य संग्रह को स्कूल/कालेजों के पुस्कालयो में रखवाया जाएगा, ताकि छात्र/छात्राएं स्थानीय साहित्यकारों की रचनाओं से रूबरू हो सकें । अध्यक्षीय उदबोधन में डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण ने कहा कि साहित्यकार कभी मरता नहीं है वह अपनी कृतियों में अमर हो जाता है। उन्होंने ” माँ ने मुझसे एक रोज कहा था, करता चल सबको राम राम” गीत सुनाकर सबको भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर डॉ शालिनी जोशी पंत, डॉ मथुराका सक्सेना, श्याम कुमार त्यागी, विकास त्यागी, कृष्ण सुकुमार, पंकज गर्ग, डॉ सम्राट सुधा, डॉ घनश्याम बादल, सज्जाद झंझट, अनीस मेरठी, रश्मि त्यागी, डॉक्टर संजीव सैनी, अनुपमा गुप्ता, दीपिका सैनी, धीरेंद्र कुमार सैनी, प्रियंका सैनी, अलका घनशाला, हरि प्रकाश शर्मा “खामोश”, सौसिंह सैनी, डीके वर्मा, आदित्य सक्सेना, हर्ष प्रकाश काला, पवन सैनी, रणवीर सिंह रावत, समय सिंह सैनी, हेमंत बर्थ्वाल, रूपेंद्र गोस्वामी मोनू, अशोक पाल, मोहतरमा शाहिदा शेख, प्रेम सिंह रावत समेत अनेक साहित्यकार व समाजसेवी मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *