बद्रीविशाल ब्यूरो
हरिद्वार। सीएसआर फंड को लेकर विभागीय अधिकारियों एवं कंपनियों के प्रतिनिधियों संग जिलाधिकारी ने एक समीक्षा बैठक की। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि इस धनराशि का एक-एक पैसा जनपद के विकास में लगे।
बुधवार को विभागीय अधिकारियों एवं कम्पनियों के प्रतिनिधियों संग बैठक में जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछड़े इलाके और जो दूरस्थ क्षेत्रों में ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है।उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि अनियोजित एवं अव्यवस्थित ढंग से धनराशि का उपयोग कतई न किया जाये। जितनी भी सेक्टर है उन सभी में धन लगाने की आवशकता है जरूरी नहीं कि शिक्षा और स्वास्थ पर ही सीएसआर फंड का उपयोग किया जाए। हालांकि बैठक में कुछ कम्पनियों के प्रतिनिधियों के ना पहुंचने पर वह नाराज भी दिखे और अगली बैठक में सभी को उपस्थित रहने के निर्देश दिए।
बैठक में जिलाधिकारी ने चिकित्सा, शिक्षा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सीएसआर फण्ड से कार्य कराने हेतु प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
बता दें कि कार्पोरेट घरानों को अपनी शुद्ध आय का कुछ भाग समाज के विकास कार्यों (शिक्षा,स्वास्थ्य एवं चिकित्सा आदि) पर खर्च करना होता है, जिसे सीएसआर फंड (कार्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) कहा जाता है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, डीडीओ वेदप्रकाश, सीईओ केके गुप्ता, मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल सिंह भण्डारी, जीएम सिडकुल उत्तम कुमार तिवारी, आरएम सिडकुल गिरधर रावत, डीपीओ सुलेखा सहगल, एडी मत्स्य विभाग गरिमा मिश्रा, एसीएमओ डॉ अनिल वर्मा के अलावा कई कम्पनियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।