पतंजली योगपीठ के नाम पर खेला जा रहा था ठगी के खेल, आरोपित गिरफ्तार

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लंदन यूनाइटेड किंगडम की आईपी से तैयार की गई थी वेबसाइट, इंटरनेशनल पेमेंट का था फंडा


हरिद्वार।
योगगुरु स्वामी रामदेव की पतंजलि योगपीठ के नाम पर ठगी करने के मामले में पुलिस ने एक बाल उपाचारी समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार कर एक के बाल अपचारी कोने के कारण विधिक कार्यवाही कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने आरोपितों के पास से अपराध में प्रयुक्त 3 मोबाइल, जिनमें पतंजलि में बुकिंग से संबंधित फर्जी बाउचर, लाखों रुपयों के लेन देन का हिसाब व अन्य महत्वपूर्ण व्हाट्सएप चैट शामिल है, बरामद किए हैं।


जानकारी के मुताबिक पतंजलि योगपीठ के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर लाखों की धोखाधड़ी का खेल खेला जा रहा था। इसी संबंध में आचार्य रजनीश उर्फ स्वामी बजरंग देव निवासी पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार ने 2 अगस्त को बहादराबाद थाने में तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की थी। आरोपित विगत कुछ महीनों से पतंजलि में इलाज के नाम पर हो रही फर्जी बुकिंग, बीमार पीडि़त से ठगी कर पतंजलि योगपीठ की छवि खराब करने का काम कर रहे थे। आचार्य रजनीश ने पुलिस को दी तहरीर के साथ 03 मामलों में लगभग 2 लाख की ठगी संबंधित दस्तावेज भी दिए थे।


विवेचना के दौरान पता चला कि आरोपितों ने पतंजलि में बुकिंग के लिए पतंजली के नाम पर लंदन यूनाइटेड किंगडम की आईपी से फर्जी वेबसाइट तैयार की तथा डोमेन खरीदने के लिए पेमेंट का मोड भी इंटरनेशनल रखा।
मामले का मायापुर चौकी में खुलासा करते हुए एसपी सिटी ने बताया कि आरोपितों द्वारा फर्जी आईडी के सिम निकलवाकर भिन्न-भिन्न ऑनलाइन वॉलेट, पे टीएम बैंक, फिनकेयर बैंक, इक्विटस बैंक आदि खातों से फ्रॉड अमाउंट को ट्रांसफर किया जाता है तथा लोगों के खातों का एक्सेस लेकर उनसे विड्रॉल किया जाता था। साथ ही आईएफएससी कोड को भी काउंटरफीट करके हरिद्वार का डिसप्ले कर देते हैं। जिससे पीडि़त को विश्वास हो जाता है कि यह खाता पतंजलि योगपीठ का ही है, जबकि वास्तविक रूप से खाते बंगाल, बिहार, उड़ीसा व तमिलनाडु के पाए गए हैं।

बताया की आरोपितों के खाते की केवाईसी का स्थान, एटीएम विड्रॉल का स्थान, कॉलिंग नंबर की लोकेशन, तथा वेबसाइट क्रिएशन का स्थान आदि यूनाइटेड किंगडम तथा देश के अन्य भिन्न-भिन्न स्थानों की मिली।
आरोपियों की धर पकड़ के लिए एसएसपी अजय सिंह के निर्देशन में टीम का गठन किया गया। गठित टीम ने 10 अगस्त को बिहार के फर्जी कॉल सेंटर से 2 साइबर ठगों को ग्रामीणों के भारी प्रतिरोध के बाबजूद गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद अभियुक्तों के मोबाइल की जांच में पता चला पाया कि सॉफ्टवेयर की मदद से आरोपित अपने फोन की लोकेशन किसी अन्य स्थान की कर सकते हैं, जिससे पीडि़त को जिस नंबर से कॉल आती है उनकी लोकेशन देश के भिन्न-भिन्न कोनों मुंबई, असम, कोलकाता की आती है।

गिरफ्तार किए गए आरोपितों में एक का नाबालिग होने के कारण विधिक कार्यवाही के पश्चात परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। अन्य आरोपी को सीजेएम कोर्ट नवादा में पेश कर ट्रांजिट रिमांड हासिल कर हरिद्वार लाया गया। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपितों के बयान व मोबाइल से मिले साक्ष्यों के आधार पर अन्य फरार आरोपितों को ट्रेस आउट किया जा रहा है।
आरोपितों के व्हाट्सएप चैट तथा मौजूद अन्य दस्तावेजों से पता चला कि अभियुक्तों द्वारा मात्र 15 दिन में 16.3 लाख की अवैध कमाई की तथा विगत कुछ ही माह में आरोपित सुरेंद्र ने 2 नए मकान तथा एक बोलेरो, एक स्कॉर्पियो खरीदी।
पुलिस पूछताछ में आरोपितों ने अपने नाम सुरेंद्र चौधरी पुत्र बिशुन चौधरी निवासी ग्राम कविरपुर, थाना शेखुपुर सराय, जिला शेखपुरा, बिहार व बाल अपचारी निवासी जिला शेखपुरा, बिहार बताए। पुलिस ने कानूनी कार्यवाही के बाद बाल अपचारी को परिजनों के सुपुर्द कर दिया, जबकि दूसरे आरोपी को हरिद्वार लग आई।

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