भारतीय युवाओं ने बनाया खास वेब ब्राउजर ‘मैगटैप’ चीनी एप्स को दे रहा चुनौती

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देहरादून। चीन से झड़प और भारतीय जवानों के शहादत के बाद से ही भारत में एक बार फिर चीनी समान और ऐप्स के बहिष्कार करने की मांग उठने लगी। भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया है। ऐसे में भारतीय युवाओं द्वारा बनाया गया एक खास वेब ब्राउजर बहुत सारे चीनी ऐप्स को चुनैती दे रहा है। दरअसल 5 युवाओं ने ‘मैगटैप’ नामक वेब ब्राउजर बनाया है जो इस केटेगरी के चाइनीज ऐप्स (यूसी ब्राउजर) से कई मायनों में कहीं बेहतर साबित हो रहा है। इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत इसकी ‘विजुअल डिक्शनरी’ है, जिससे बड़ी आसानी से किसी भी दूसरी भाषा के शब्द का अर्थ चित्र सहित अपनी भाषा में देखा-सुना जा सकता है।
इसमें तीन चायनीज ऐप के अलग-अलग फीचर इस एक भारतीय ऐप में एक साथ मिल सकती है। ऐप के फाउंडर की माने तो गूगल प्ले स्टोर पर लॉन्चिंग के कुछ दिनों में ही इसे 10 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। इसकी रेटिंग 4.8 है और 28,000 से ज्यादा रिव्यु के साथ मैगटैप दुनिया का सबसे ज्यादा टॉप रेटेड ऐप है।
इस ऐप के फाउंडर और सीईओ सत्यपाल चंद्रा ने बताया कि ‘मैगटैप’ पूरी तरह से ‘मेड इन इंडिया’ तो है ही, साथ में यह अपने तरह का दुनिया में पहला प्रयोग है। ‘मैगटैप’ एक ‘विजुअल ब्राउजर’ के साथ-साथ डॉक्यूमेंट रीडर, ट्रांसलेशन और ई-लर्निंग की सुविधा देने वाला अनोखा ऐप है। इस ऐप को खास तौर पर देश के हिंदीभाषी स्टूडेंट्स को ध्यान में रखकर बनाया गया है। वे कहते हैं कि इंटरनेट पर अधिकतर अच्छी जानकारियां इंग्लिश में ही हैं।
ऐसे में उन्हें पढ़ते वक्त यह ऐप किसी भी शब्द, वाक्य या पूरे पैराग्राफ को भी हिंदी सहित देश की 12 भाषाओं में अनुवाद कर सकता है। साथ में कोई भी दूसरा ऐप व्हाट्सऐप, फेसबुक, मैसेंजर आदि में भी किसी शब्द पर टैप कर उसका अर्थ जाना जा सकता है। लॉक डाउन के दौरान कई एक्स्ट्रा फीचर भी इस ऐप में जोड़े गए हैं। इस ऐप पर बच्चों से लेकर बैंक, रेलवे और यूपीएससी लेवल तक के कम्पटीशन एग्जाम की तैयारी करने लायक स्टडी मटेरियल टेक्स्ट और वीडियो फॉर्मेट में मुफ्त में उपलब्ध है।
‘मैगटैप’ को डेवलप करने वाले रोहन कुमार का कहना है कि उन्होंने अभी ही इसका अपडेटेड वर्जन ‘मैगटैप 2.0’ लांच किया है। इस नए अपडेट में कई और सुविधाएं जोड़ी गयी हैं, जिससे यह ऐप चीन की यूसी ब्राउजर के साथ ही गूगल के क्रोम और ओपेरा ब्राउजर से भी बेहतर साबित होगा। उन्होंने बताया कि ऐप का ट्रांसलेशन फीचर अब 12 भारतीय भाषाओँ के साथ फ्रेंच, जर्मन, इटालियन और अरबी समेत 30 विदेशी भाषाओं में भी पल भर में अनुवाद कर सकेगा। इससे भारत में हिंदी सहित कोई भी भाषा जानने वाले लोग अपने देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर की सभी मुख्य भाषाओं को घर बैठे सीख सकते हैं और कुछ भी पढ़ सकते है। कंपनी फाउंडर, सत्यपाल चंद्रा, रोहन सिंह और अभिषेक बिहार के रहने वाले हैं जबकी सागर मलहोत्रा जो इस ऐप के फाउंडर और मार्केटिंग हेड हैं वो उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले है। कंपनी के पूरे ऑपरेशन का जिम्मा आशीष विरकर ने संभाल रखा है जो की इस कंपनी के फाउंडर और ऑपरेशन हेड है। ‘मैगटैप’ को रोहन ने डिजाईन किया है और इसके टेक्निकल पक्षों को संभालने में उनके 18 वर्षीय भाई अभिषेक सिंह मदद करते हैं।

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