ट्रेड यूनियन के कर्मचारियों से सौतेला व्यवहार कर रहे अधिकारी, वेतन निर्धारण में कर रहे गड़बड़ी: अरविंद राजपूत

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रुड़की/संवाददाता
राजकीय सिंचाई उद्योगशाला कर्मचारी ट्रेड यूनियन रुड़की के कार्यालय में कर्मचारियों की ज्वलंत समस्याओं को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष निरंजन कुमार एवं संचालन ट्रेड यूनियन के मंत्री अरविंद राजपूत ने किया। संचालन करते हुए ट्रेड यूनियन के मंत्री अरविंद राजपूत ने बताया कि माननीय ऊच्च न्यायालय के आदेशों एवं उत्तराखंड सरकार के शासनादेश के उपरांत भी कई माह बीत जाने पर सिंचाई कार्यशाला रुड़की के औद्योगिक अधिष्ठान के कर्मचारियों में से एक भी कर्मचारियों को आज तक पेंशन का भुगतान नहीं किया गया, जो सोचनीय प्रश्न है। जबकि प्रमुख अभियंता सिंचाई विभाग उत्तराखंड, मुख्य अभियंता यांत्रिक एवं अधीक्षण अभियंता नलकूप मंडल रुड़की द्वारा कई बार लिखित व मौखिक रूप से सिंचाई कार्यशाला के अधिकारियों एवं लिपिकीय वर्ग को अवगत कराया गया। परंतु उच्च अधिकारियों के आदेश भी सिंचाई कार्यशाला के अधिकारी ठेंगे पर रखे हुए हैं। औद्योगिक अधिष्ठान के कर्मचारियों के वेतन निर्धारण गलत तरीके से दो बार कर दिए गए, उनको ठीक कराने के लिए प्रमुख अभियंता के पत्र एवं शासनादेश पर भी कार्यशाला के अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। ये ही नहीं वेतन निर्धारण को आज तक ठीक नहीं कराया गया, जिसके कारण प्रमोशन नहीं हो पा रहे हैं। शैक्षिक योग्यता के आधार पर नियमावली के अनुसार मृतक आश्रितों की नियुक्ति नहीं की जा रही, इसके लिए भी अनेकों बार यूनियन लिखित व मौखिक रूप से प्रयास करती चली आ रही है। परंतु कोई निष्कर्ष नहीं निकल रहा। 300 दिन का उपार्जित अवकाशों को आज तक स्वीकृत नहीं किया गया है, जबकि पूर्व वर्षों में औद्योगिक अध्ययन के कर्मचारियों को, जो सिंचाई कार्यशाला रुड़की में कार्यरत हैं, बोनस दिया जा रहा था परंतु बिना किसी उच्च अधिकारी से आदेश प्राप्त किए सिंचाई कार्यशाला के अधिकारियों ने उस पर रोक लगा दी, जो पूर्णतया गलत है। इस कारण इन मांगों के पूर्ण न होने और शासनादेश होने के उपरांत भी अधिकारियों द्वारा इन मांगों को पूरा न करने पर कार्यशाला के कर्मचारियों में अधिकारियों के प्रति भारी रोष व्याप्त है। ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष निरंजन कुमार, उपाध्यक्ष प्रदीप चौहान, संगठन मंत्री हरिशंकर उपाध्याय, एवं संयुक्त मंत्री सुनील अग्रवाल द्वारा एक संयुक्त विचार रखते हुए कहा गया कि यदि शीघ्र ही इन मांगों को, जिनके शासनादेश हो चुके हैं, का पालन नहीं किया गया, तो यूनियन को मजबूर होकर धरना प्रदर्शन/हड़ताल एवं अपनी अन्य कार्यवाही करने के लिए मजबूर होना पडे़गा। इससे उत्पन्न किसी भी स्थिति का पूर्ण उत्तरदायित्व सिंचाई कार्यशाला के अधिकारियों का होगा। इस बैठक में निरंजन कुमार, अरविंद राजपूत, प्रदीप चौहान, सुनील अग्रवाल, हरिशंकर उपाध्याय, श्रीमती सर्वेश, पूनम कश्यप, शीलावती, ओम प्लेस, राकेश, मोबीन, मुकेश कुमार,अब्दुल साजिद, संतोष कुमार शर्मा आदि ट्रेड यूनियन के सदस्य व पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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