पतंजलि योगपीठ ने धूमधाम से मनाया 75 वाँ गणतंत्र दिवस

Haridwar

हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ की ओर से भी देश का 75 वाँ गणतंत्र दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि योगपीठ-2 परिसर में ध्वजारोहण कर समस्त देशवासियों को शुभकामनाएँ दी। इस अवसर पर स्वामी रामदेव महाराज ने शिक्षा, चिकित्सा, वैचारिक और सांस्कृतिक को आजादी के लिए बड़े संकल्पों की आवश्यकता बताया। उन्होंने कहा कि हमने पिछले 75 वर्षों में बहुत कुछ अर्जित किया है और भविष्य में भी बहुत कुछ अर्जित करना है। हमने राजनैतिक आजादी तो लगभग 77 साल पहले प्राप्त कर ली थी किन्तु अभी भी आर्थिक आजादी, शिक्षा की आजादी, चिकित्सा की आजादी, वैचारिक और सांस्कृतिक आजादी और स्वाधीनता के साथ हमें आगे बढ़ने के लिए कुछ बड़े संकल्पों की आवश्यकता है। उन्होंने स्वदेशी शिक्षा, स्वदेशी चिकित्सा, स्वदेशी अर्थव्यवस्था कि अपनाकर स्वावलम्बी, आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने का सभी से आह्वान किया।

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्र का मंदिर कैसे स्वस्थ, समृद्ध व परम वैभवशाली बनेगा, उसके लिए हमें अपने-अपने कर्तव्यों की आहुति देनी होगी। हम योग पथ, कर्तव्य पथ पर चलते हैं और आज 45 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का आर्थिक साम्राज्य परमार्थ के लिए है। काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि कुछ स्थानों पर मंदिर तोड़कर मस्जिदें बनाई गईं। इसमें कोर्ट-कचहरी न जाकर आपसी सहमति से इन मुद्दों को सुलझा लेना चाहिए। अयोध्या के बाद हिन्दूओं की मूल आस्था के केन्द्र जैसे काशी, मथुरा तथा कुछ और चुनिन्दा स्थान जहाँ मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई वहाँ पर तो मुस्लिम भाइयों को स्वतः ही प्रेम पूर्वक सनातनधर्मियों को सौंप देना चाहिए। इससे देश में एक धार्मिक सहिष्णुता, सद्भावना तथा प्रेम का नया कीर्तिमान बनेगा।

इस दौरान पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्रओं ने देशभक्ति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। एन.सी.सी. के विद्यार्थियों तथा पराक्रम सिक्योरिटी के जवानों ने परेड़ कर राष्ट्र ध्वज को सलामी दी।

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