रुड़की की बेटी पूजा चौहान ने चाइना में लहराया परचम, अन्तर्राष्ट्रीय ड्रैगन बोट कप- 2019 में जीता कांस्य पदक

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दैनिक बद्री विशाल
रुड़की/संवाददाता

“बेटी बोझ नहीं बल्कि मां-बाप का गुमान होती है” यह आज रुड़की की पूजा चौहान ने साबित कर दिखाया।
रुड़की की बेटी ने शहर का ही नही बल्कि पूरे देश का मान विश्व में बढ़ाया है। पदक जीतने के बाद पूजा चौहान का रुड़की स्टेशन पहुंचने पर समाजसेवी चंद्रप्रकाश बाटा, तनुज राठी, निखिल वर्मा, चिराग सांई समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों ने फूल-मालाएँ पहनाकर जोरदार स्वागत किया ओर परिजनों को भी बधाई दी। चीन में आयोजित हुई दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ICF ड्रैगन बोट कप-2019 प्रतियोगिता में पूजा चौहान ने ब्रोंज पदक (कांस्य) पर कब्जा कर रुड़की का मान बढ़ाया।
दिल्ली रोड स्थित कर्नल एनक्लेव निवासी लेखपाल के पद से सेवानिवृत्त तेजपाल सिंह चौहान की बेटी पूजा चौहान ने चाइना निम्बो में 2 व 3 नम्बर को आयोजित प्रतियोगिता में 500 मीटर की रेस में कांस्य पदक जीतकर भारत की झोली में डाला। भारत देश के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि इसलिए भी है कि अभी तक देश के पास वाटर स्पोर्ट्स रेसिंग में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोई पदक नही है। पूजा “स्वीटी” ने बताया कि पंजाब, हरियाणा व उत्तराखंड से 16 लड़कियों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया, जिनमें 8 लड़कियों को रिजर्व (किसी भी दुर्घटना में खिलाड़ी की जगह लेने वाले) रखा गया और 8 लड़कियों ने दम-खम के साथ हिस्सा लेकर 7 अन्य पदक के साथ ही कांस्य पदक पर अपना कब्जा जमाया। पूजा चौहान के कोच फिलिप मैथ्यू ने बताया कि वह आर्मी से रिटायर्ड है ओर वह स्वयं भी 18 गोल्ड मैडल जीत चुके है। उन्होंने बताया कि 34 टीमों के साथ कड़ा मुकाबला करते हुए भारत सेमी फाइनल तक पहुंचा और यहाँ भारत का मुकाबला अमेरिका, रूस, स्पेन, होमकोम, चाइना, चाइना निम्बो के साथ हुआ। 500 मीटर की प्रतियोगिता में चाइना ने गोल्ड, चाइना निम्बो ने सिल्वर व भारत ने ब्रोंज मैडल जीता। अपनी इस जीत पर भारत की बेटियां खुशी से झूम उठी और तिरंगे को हाथों में पकड़कर ग्राउंड का चक्कर लगाया।
पूजा चौहान ने बताया कि चाइना द्वारा उनका अपने देश मे पहुंचने पर पारंपरिक रुप से स्वागत किया गया और प्रतियोगिता से एक दिन पहले पहुंची लड़कियों के चार्ज (रहना- खाना) को भी चाइना ने वापस कर दिया। पूजा चौहान ने कोच पैनल के सदस्यों बिजेंद्र सिंह, मंजीत सिंह, दिलीप चौहान व ठाकुर मंडेला का भी इस प्रतियोगिता में योगदान पर आभार जताया। विशेष रुप से उन्होंने रुड़की के शिवालिक क्लब ओर खान क्लब के कोच पीयूष शर्मा व फिरोज खान का भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि शिवालिक क्लब के कोच फिलिप मैथ्यू की कड़ी लग्न ओर उनकी मेहनत से ही आज उन्हें यह सफलता मिली है। उन्होंने सरकार से अपील की कि खेल जगत की ऐसी प्रतिभाओं को बेस्ट खिलाड़ी के सम्मान से नवाजा जाए, जिनकी बदौलत आज भारत को वाटर स्पोर्ट्स में कांस्य पदक मिला।

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