तीर्थनगरी का नाम बदलना चाहती है महापौर,ये साधु-सन्तों की नगरी है:महन्त गोपाल गिरी

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षड् दर्शन साधु समाज, अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महन्त गोपाल गिरी ने कहाकि ऋषि-मुनियों की नगरी ऋषिकेश का नाम बदलकर महापौर अनिता ममगाई योगनगरी करना चाहती है, जिसका वे ट्रेलर दिखा चुकी हैं। जबकि ऋषिकेश साधु-सन्तों व ऋषि-मुनियों की नगरी है।

प्रेस का जारी बयान में श्रीमहंत गोपाल गिरि ने कहाकि 15 जून को जी 20 के नाम पर मां गंगा, यमुना, सरस्वती के त्रिवेणी मन्दिर व गणेश मन्दिर, शीतला मन्दिर, टोटकचार्य गुफा, नवगृह पूजा स्थल, भैरों जी के प्राचीन स्थान मन्दिरों कोे महापौर अनिता ममगाई ने बलपूर्वक बिना नोटिस के गैर कानूनी रूप से रात्रि में तोड़ा। जबकि त्रिवेणीघाट नगर पालिका, टाऊन एरिया, नगर पंचायत, बनने से पहले से हैं। यहां कोई भूमि नगर पालिका की नहीं है।

उन्होंने कहाकि जिसे नगर पालिका रास्ता बताती है वह वास्तव में मन्दिर के आगंन हैं, जिसमें गौ माता के बैठने व यात्रियों के विश्राम करने के लिये खाली भूमि जिसका सन् 1904-05 का खसरा नम्बर 96 रक्बा 2.14 बिसा बगीचा व स्वामी केशवानन्द गिरि काली मन्दिर तारा चेरिटेबिल हॉस्पिटल है। खसरा नम्बर 101 रक्बा 1.07 बिसा सरस्वती नदी है। खसरा नम्बर 102 रकबा 0.01 बिसा मन्दिर वाराहा भगवान है। खसरा नंबर 103 रकबा 4.06 बिसा मन्दिर बाराहा जिसमें गंगा, यमुना, सरस्वती, हनुमान जी, गणेश जी, भैरो जी, दुर्गा मांता, गौरिशंकर मन्दिर हैं, टोटका चार्य गुफा है। खसरा नम्बर 104 रकबा 0.07 बिसा ऋषिकुण्ड़ श्री यमुना जी कुण्ड़ है। खसरा नम्बर 105 रकबा 1.00 बिसा में मन्दिर श्री रधुनाथ जी है। खसरा नम्बर 106 रकबा 2. 08 बिसा में रधुनाथ जी धर्मशाला है। 12 बिगा भूमिी मंदिर के नाम से है। जिसका वर्तमान 1345 फसली बन्दोबस्त सन् 1937-38 में खसरा नम्बर 53 लगायत 256 है।

श्रीमहंत गोपाल गिरि ने कहा कि त्रिवेणीघाट नगर पालिका की कोई सम्पत्ति नही है। ऋषिकेश ऋषि-मुनियो की नगरी है योग नगरी नहीं। उन्होंने कहाकि इस संबंध में साधु समाज ने सूबे के मुख्यमंत्री से वार्ता करने के लिये समय मागा है।

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