*आज न्याय मांगने पर मिल रही लाठियां
ऋषिकेश। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार विपक्ष की आवाज दबाकर लोकतंत्र का गला घोटने का कार्य कर रही है। उन्होंने उद्योगपति अड़ानी का जिक्र करते हुए कहा कि आज सब लोग इस रहस्य को जानना चाहते है कि दुनिया के 166 वें नंबर का व्यक्ति कुछ सालों मेे ही कैसे दुनिया का दूसरा अमीर व्यक्ति बन गया।
मंगलवार को एक होटल मेे पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र हो या उत्तराखंड की सरकार दोनों जगह विपक्ष की आवाज दबाने का कार्य किया जा रहा है, कांग्रेस जहां संसद में मोदी और आडाणी के संबंधों को जानना चाहती है, वहीं उत्तराखंड में अंकिता भंडारी हत्याकांड में लिप्त वीआईपी के नाम के उजागर के साथ परीक्षाओं में हो रही घोटालों की जांच की मांग कर रही है। परंतु दोनों जगह ही उनकी आवाज को दबाया जा रहा है, यह भारत के लोकतंत्र में पहली बार देखने को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार देखने को मिला कि उत्तराखंड में राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पारित होने से पहले ही भाजपा ने राज्यपाल से प्रेस बुलवाकर अपनी बात को समाप्त कर दिया, जो कि राजनीतिक दृष्टि से लोकतंत्र पर बड़ा कुठाराघात है। उन्होंने कहा कि आज विपक्ष हो या आम व्यक्ति यदि वह भाजपा सरकार की गलत नीतियों को लेकर आक्रोश जाहिर करते है या विधानसभा का घेराव करने जाते है, परंतु सरकार पुलिस का सहारा लेकर उस आवाज को दबा दे रही है, उन पर लाठीचार्ज कर रही है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन उसके बावजूद भी कांग्रेस ने अपनी आवाज को बुलंद किए जाने के लिए धरना ही नहीं दिया बल्कि बैरिकेडिंग तोड़कर जनता की आवाज पहुंचाने का कार्य किया है।
हरीश रावत ने कहा कि उनके नेता राहुल गांधी जो बात विदेश की धरती से कह रहे हैं, वही बात भारत में भी कहीं जा रही है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी तो आए दिन विदेशों में विपक्ष के नेताओं की आलोचना लगातार करते रहे हैं और आज संसद में जो कार्य विपक्ष को करना चाहिए था वह सत्ता पक्ष के कर रहे हैं। सरकार खुद ही संसद को चलने नहीं दे रही हैं।
पत्रकार वार्ता के दौरान राजपाल खरोला, जयेंद्र रमोला, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश सिंह, कमला प्रसाद भट्ट, एकांत गोयल, विशाल कक्कड़, ललित मोहन मिश्रा, मनीष शर्मा, विनय सारस्वत सहित अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।